61 कार्यों को 1,329 करोड़ रुपए की योजना
सार्वजनिक तथा निजी सहभागिता के 61 कार्यों को 1,329 करोड़ रुपए की लागत में शुरू करने की योजना है। अब तक छोटे से सात कार्यों को ही पूरा किया जा सका है जिस पर 4.12 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं परन्तु योजना खर्च, योजना रिपोर्ट तैयार करने वाली कंपनी को भुगतान की गई राशि समेत प्रशासनिक खर्च के लिए ही 37.01 करोड़ रुपए दिए गए हैं।17 कार्य निविदा के चरण में
विद्युुत चितागार निर्माण के लिए चार बार, जनता बाजार विकास के लिए तीन बार निविदा आमंत्रित की गई है। कुल 325 करोड़ रुपए लागत के 17 कार्य निविदा के चरण में हैं।60 करोड़ रुपए हस्तांतरण को मंजूरी
अनुदान को खर्च नहीं करने से स्मार्ट सिटी योजना की 60 करोड़ की राशि को त्वरित बस परिवहन सेवा (बीआरटीएस) योजना को हस्तांतरित करने के लिए प्रशासन मंडल ने मंजूरी दी है। इसके लिए केंद्रीय संसदीय मामलात, कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने आपत्ति जताई है। उन्होंने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री को पत्र भी लिखा है। इसके चलते अभी तक अनुदान हस्तांतरित नहीं हुआ है।पीछे हट रहे ठेकेदार
स्मार्ट सिटी कार्यों के लिए ठेकेदारों के रुचि नहीं दिखाने से यहां इस योजना का क्रियान्वयन पिछड़ गया है। एक-एक कार्य के लिए चार-पांच बार निविदा आमंत्रित करने के बाद भी ठेकेदार भाग नहीं ले रहे हैं। इससे प्रशासनिक खर्च भी बढ़ रहा है। शहर की प्रमुख सड़कों के विकास के लिए तीन पैकेज कर 128 .5 करोड़ रुपए लागत की निविदा आमंत्रित की गई थी। पांच बार निविदा आमंत्रित करने के बाद भी ठेकेदार भाग नहीं ले रहे हैं। संयुक्त सहभागिता में योजना को क्रियान्वित करने के लिए निविदा में भी मौका नहीं देने से ठेकेदारों के पीछे हट जाने का कारण हो सकता है।-एस.एच नरेगल, विशेष अधिकारी, हुब्बल्ली-धारवाड़ स्मार्ट सिटी योजना