पर्यावरण प्रेमियों ने जताई नाराजगी
गणपति की मूर्तियों के नहीं गलने पर पर्यावरण प्रेमियों ने नाराजगी व्यक्त की है। पर्यावरण प्रेमियों का कहा है कि पत्थर तथा घास का इस्तमाल नहीं करके पूरी तरह मिट्टी के गणपति को ही प्रतिष्ठापित करना चाहिए था। इंदिरा ग्लास हाउस के पीछे स्थित कुएं में विसर्जित अनेक गणपति की मूर्तियों के कचरे को कुएं से निकालकर बाहर डाला गया है।मौके पर जाकर जायजा लेंगे
होसूर के कुएं में पूरी तरह कचरा भरा है। कुएं के बगल में स्थित स्कूल के बच्चे दूषित पानी की बदबू में ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं। इस बारे में महानगर निगम के कार्यकारी अभियंता विजयकुमार से पूछने पर उन्होंने कहा कि कुएं में गणपति मूर्तियों के नहीं गलने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। एकाध दिन में अधिकारी मौके का दौरा कर जायजा लेंगे।शीघ्र कचरा हटाएं
मूर्ति बनाने के दौरान घास का मिश्रण करने पर विसर्जन के बाद पानी दूषित होता है। इससे पर्यावरण को नुकसान होता है। महानगर निगम के कर्मचारियों को ही शीघ्र कुएं में स्थित कचरे को हटाकर साफ करना चाहिए।-शंकर कुंबी, पर्यावरण प्रेमी