अगली पीढ़ी को भी दें कन्नड भाषा की जानकारी
अगली पीढ़ी को भी दें कन्नड भाषा की जानकारी
अगली पीढ़ी को भी दें कन्नड भाषा की जानकारी
अगली पीढ़ी को भी दें कन्नड भाषा की जानकारी
-कन्नड राज्योत्सव के पांचवें दिन के कार्यक्रम का उद्घाटन
धारवाड़
लेखक डॉ. बालण्णा शीगीहल्ली ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां विभिन्न भाषियों व विभिन्न संस्कृति के लोग रहते हैं। प्रत्येक क्षेत्र की अपनी विशेषता है। प्रत्येक क्षेत्र की अपनी भाषा है। कन्नड भाषियों की जिम्मेदारी है कि वे अगली पीढ़ी को भी कन्नड भाषा के बारे में जानकारी देकर कन्नड भाषा को विकसित करने की दिशा में विशेष पहल करें। वे धारवाड़ के रंगायण में 66वें कन्नडक्कागी नाऊ बैनर तले आयोजित कन्नड राज्योत्सव के उपलक्ष्य में पांचवें दिवस के कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान बोल रहे थे।
कार्यक्रम कन्नड व संस्कृति विभाग, डॉ. द.रा. बेंद्रे, राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट, डॉ. मल्लिकार्जुन मनसूर राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट, पंडित बसवराज राजगुरु राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट, कर्नाटक कुलपुरोहित आलूरु वेंकटराव राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट, चित्रकारी मूर्तिकार डॉ. डीवी हालभावी राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट की ओर से आयोजित किया गया था।
उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में बंटी कन्नड भाषा व संस्कृति की रक्षा के लिए कईयों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। किसी क्षेत्र के संस्कृति की रक्षा के लिए उस क्षेत्र की भाषा की रक्षा आवश्यक है। लेखक केएच नायक ने कहा कि कन्नड भाषा के विकास के लिए बच्चों को कन्नड के प्रति आकर्षित करना आवश्यक है।
इस अवसर पर अध्यक्षता कन्नड व संस्कृति विभाग की सहायक निदेशक मंजुला यलिगार ने किया। इस अवसर पर शिक्षा विशेषज्ञ और विचारक मल्लिकार्जुन चिक्कमठ, वरिष्ठ फिल्म अभिनेता बी. मारुति, वरिष्ठ कोरियोग्राफर प्रकाश क्षत्रिय और सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मण बक्कई सहित अन्य लोग उपस्थित थे। कन्नड एवं संस्कृति विभाग, धारवाड़ चिन्नू वास्तु टीम के नाट्य मंचन ने दर्शकों को खूब हंसाया।
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