उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में 162 बच्चों ने अभिभावकों को खोया है। इन बच्चों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना को लागू किया है। ऐसे बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी। एसएसएलसी के बाद लड़कों को नि:शुल्क लैपटॉप लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए एक लाख रुपए देने की योजना लागू की गई है। महिला एवं बाबाल कल्याण विभाग की ओर से भी बाल स्वराज नामक योजना लागू की गई है। जिन बच्चों ने कोरोना से अभिभावकों को खोया है ऐसे बच्चों को चिन्हित कर विभाग के अधिकारी वेबसाइट पर दर्ज कर रहे हैं।
अलग से खोले जाए क्वारंटीन केन्द्र
उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के बच्चों पर असर करने के खतरे को देखते हुए सरकार अभी से सभी प्रकार की व्यवस्था कर रही है। हर तालुक में छात्रावास चिन्हित कर वहां क्वारंटीन केंद्र खोले जा रहे हैं। मां तथा बच्चा इस क्वारंटीन केंद्र में रह सकते हैं। 18 वर्ष तक की लड़कियों तथा लड़कों के लिए पृथक क्वारंटीन केंद्र खोले जा रहे हैं। वहां उन्हें पौष्टिक आहार के साथ सभी प्रकार की सुविधा दी जाएगी। मुख्यमंत्री को देवी शेट्टी के नेतृत्व की समिति ने स्कूलों को खोलने के बारे में रिपोर्ट दी है। फिलहाल कॉलेज स्तर के स्कूल, कॉलेजों को मात्र विभिन्न चरणों में खोलने का मुख्यमंत्री ने बयान दिया है।