इंडी क्षेत्र के तालाब व नहरों में पानी नहीं बहाएंगे तो दूंगा इस्तीफा-सत्तारूढ कांग्रेस पार्टी के विधायक यशवंतरायगौडा ने दी चेतावनी[typography_font:14pt;” >विजयपुरइंडी विधानसभा क्षेत्र के विधायक यशवंतरायगौडा वी. पाटील ने कहा कि इंडी विधानसभा क्षेत्र के तालाब और नहरों में जल नहीं छोडेंगे तो इस्तीफा दूंगा। वे विजयपुर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सिंचाई योजनाओं के तहत इंडी विधानसभा क्षेत्र में भौत्तिक रूप से विकास कार्य पूर्ण हो चुके हैं, परंतु यह योजनाएं पूर्ण होकर 22 वर्ष बीतने के बावजूद अभी तक नहर में टेल यंड (अंत तक) तक जल नहीं बहाया गया है। अब सूखा पडऩे के चलते किसान, आमजन तथा मवेशी संकट में आगए हैं। अधिकारियों की लापरवाही के कारण पानी नहीं आरहा है। तुरंत पानी नहीं छोड़ा गया तो हम सत्ता में होने के बावजूद कोई फायदा नहीं है। इसके चलते इस्तीफा देना अनिवार्य होजाएगा। जनप्रतिनधि जनता के उत्तरदायी होने चाहिएयशवंतगौडा ने कहा कि जनप्रतिनधि जनता के उत्तरदायी होने चाहिए। जनता की जरूरतों को पूरा नहीं करपाएंगे तो राजनीतिक सन्यास या इस्तीफा लेना चाहिए। इंडी विधानसभा क्षेत्र के अंतिम तबके के किसानों को पानी नहीं मिल रहा है। जनता को पानी नहीं मिलेगा तो हमारे राजनीति करने का कोई मतलब नहीं है। जनता की समस्याओं को सिधे हिम्मत से बताता हूँ। इंडी तालुक विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है। यहां पर पेयजल तथा कृषि गतिविधियों के पानी नहीं मिल रहा है। विभिन्न लिफ्ट सिंचाई योजनाओं के तहत नहरों को पानी नहीं आरहा है। पाइपलाइन बिछाई जा रही हैउन्होंने कहा कि उधर भीमा नदी में भी पानी नहीं है। उजनी ड्याम से महाराष्ट्र के सोलापुर को पाइपलाइन बिछाई जा रही है। उसके पश्चात उजनी ड्याम से भीमा नदी को पानी ही नहीं आएगा। इस बारे में मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को अवगत कराया गया है। मेरे विधानसभा क्षेत्र की जनता को पानी नहीं मिलेगा तो किसी भी स्तर तक जाने के लिए तैयार हूँ। पानी नहीं आएगा तो बिना किसी रोक-टोक के आवाज उठाउंगा। गुत्ती बसवण्णा योजना, इंडी शाखा नहर से बहाए जाने वाला पानी सिर्फ इंडी सीमा तक मात्र पहुंचता है। मैं पार्टी के प्रति प्रतिबद्ध हूँ। कांग्रेस पार्टी से ही राजनीति की शुरूवात की है और यहीं से सेवा निवृत हूँगा। राजनीति से लूंगा सन्यासयशवंतरायगौडा ने कहा कि इंडी नया जिला नहीं होगा तो राजनीति से ही सन्यास लूंगा। कांग्रेस पार्टी से ही राजनीति की शुरूवात की है और यहीं से सेवा निवृत होजाउंगा। इंडी को नया जिला केन्द्र बनाने के निर्णय को मैं प्रतिबद्ध हूँ। यह कई सालों पुरानी मांग है। हमारे पार्टी नेताओं को पूछ कर ही यह बात कही है। इंडी जिला केन्द्र बनाने के लिए आगामी 2028 तक समय है। तबतक इंतजार करूंगा। हमारी सरकार की ओर से इंडी जिला केन्द्र बनाएगी का भरोसा है। अगर वर्ष 2028 के भीतर इंडी जिला केन्द्र नहीं बनाएंगे तो वर्ष 2028 की राजनीति में नहीं रहूंगा। हमें राजनीति में रखना है तो इंडी को जिला केन्द्र बनाएंगे, वरना छोड देंगे। माइक्रो मैनेजमेंट एंड एड्मिनिस्ट्रेशन के लिए इंडी को जिला केन्द्र बनाना चाहिए। राजस्थान में हैं 52 जिलेयशवंतरायगौडा ने कहा कि राजस्थान राज्य कर्नाटक से छोटा है। विकास में भी पिछडा है। वहां पर सिर्फ 200 जने विधायक होने के बावजूद 52 से अधिक जिले बनाए गए हैं। उसी प्रकार हमारे यहां भी प्रशासन की दृष्टि से इंडी नया जिला होना चाहिए। इंडी, चडचण, देवरहिप्परगी, आलमेल तथा सिंदगी तालुकों को शामिल कर नया जिला बनाना चाहिए। जिला विभाजन में उस क्षेत्र की जनता की सलाह प्रमुख होती है। इस बारे में मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया गया है। राज्य सरकार की ओर से विजयपुर जिला प्रशासन को जनता की सलाह संग्रह करने के निर्देश आए हैं। इसके चलते इंडी नया जिला बनना चाहिए। एसा नहीं होने पर इंडी तथा सिंदगी तालुकों को विशेष स्थानमान देकर कल्याण (हैदराबाद) कर्नाटक भाग को दिए गए आर्टिकल 371 (जे) में शामिल करना चाहिए। राज्य में कुछ मंत्रियों को छोड कर बाकी अपने अपने क्षेत्रों को मात्र सीमित होकर कार्य कर रहे हैं। राज्य के बारे में उन्हें कल्पना ही नहीं है। अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास की ओर मात्र ध्यान दे रहे हैं। एसी परिस्थिति में बाकी विधायकों को कहां जाना चाहिए। इस भेदभाव के चलते इससे पूर्व उमेश कत्ती ने पृथक राज्य की मांग की थी। हमें अलग राज्य नहीं चाहिए, परंतु वह भावना आरही है।कर्नाटक के 10 जने मंत्री तथा 40 जने विधायकों ने तेलंगाना में प्रचार के लिए जाने के विचार संबंधित प्रश्न के जवाब में यशवंतरायगौडा ने कहा कि कौन इसका उत्तरदायी है उनसे पूछें। मैं मेरी सीमा में मात्र बात करता हूँ। इस बारे में संबंधित लोगों को ही पूछें। मैं पार्टी तथा सरकार में किसी भी पद पर नहीं हूँ। उन्होंने राज्य में मुख्यमंत्री बदलाव को लेकर चल रहे अफवाओं पर कहा कि मेरे सामने इस विचार का प्रस्ताव नहीं है। मुख्यमंत्री बदलाव को लेकर आप सवाल नहीं पूछें। कल ही तो हम जीत कर यहां आए हैं। सिद्धरामय्या तथा डी.के. शिवकुमार के नेतृत्व में चुनाव का सामना किया है। यह सवाल क्यों आते हैं, एसे सवाल नहीं करने चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं का प्रधानमंत्री का आरोप बेबुनियाद है और राजनीति से प्रेरित है। हमारे मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या जितने प्रामाणिक कोई नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश में भी सिद्धरामय्या का नाम लेते हैं तो सबको समझना चाहिए कि मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या की जनप्रियता कितनी है। हमारी सरकार की गारंटी योजनाओं से देश में बदलाव की लहर चल रही है। इसके चलते मोदी ने सिद्धरामय्या को याद कर रहे होंगे। सिद्धरामय्या के लोकप्रियता पर मोदी नजर रखे हुए हैं। संवाददाता सम्मेलन में जिला पंचायत पूर्व सदस्य गुरनगौडा पाटील, नेता एम.आर. पाटील बल्लोल्ली आदि उपस्थित थे।………………………………………………………………