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हुबली

कत्ती व जारकिहोली को नहीं मिला मंत्री पद

कत्ती व जारकिहोली को नहीं मिला मंत्री पद-राज्य की राजनीति में बेलगावी के नेताओं की अब तक रही है भूमिकाहुब्बल्ली

हुबलीAug 20, 2019 / 09:25 pm

Zakir Pattankudi

Katti and Jarkiholi did not get ministerial post

कत्ती व जारकिहोली को नहीं मिला मंत्री पद

आश्चर्य जताया जा रहा

यहां के दो विधायक व भाजपा के कद्दावर नेता बालचंद्र जारकिहोली तथा उमेश कत्ती दोनों को मंत्री पद नहीं मिला है। यह और बात है कि पूर्व की भाजपा सरकार में अश्लील फिल्म देखने के आरोपों का सामना करने वाले लक्ष्मण सवदी को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है, इस पर आश्चर्य जताया जा रहा है।

एक ही तीर से दो शिकार

सूत्रों के अनुसार यह सभी बेलगावी में साहूकार के नाम से प्रख्यात रमेश जारकिहोली का मास्टर प्लान है। गठबंधन सरकार के पतन के सूत्रधार रमेश जारकिहोली ने एक ही तीर से दो शिकार किए हैं।

लक्ष्मण सवदी को शामिल करना आश्चर्य बना

येडियूरप्पा मंत्रिमंडल में लक्ष्मण सवदी को शामिल करना आश्चर्य का विषय बन गया है। एक और आश्चर्य है कि इन्हें मंत्री पद दिलवाने में रमेश जारकिहोली को ही कारण बताया जा रहा है क्योंकि रमेश जारकिहोली पहले से ही लक्ष्मण सवदी का विरोध करते आए हैं। अथणी में सवदी की हार के लिए रमेश जारकिहोली ही कारण रहे। डीसीसी बैंक चुनाव में रमेश जारकिहोली के खिलाफ लक्ष्मण सवदी ने कार्य किया था। इसके चलते रमेश व लक्ष्मण दोनों में कड़ी शत्रुता है। इसके बाद भी गोकाक के अयोग्य विधायक रमेश जारकिहोली ने देर रात्रि लॉबिइंग कर सवदी को मंत्री पद दिलवाया है। निप्पाणी की विधायक शशिकला जोल्ले को मंत्री पद दिलवाने में भी बेलगावी के इसी साहूकार का हाथ है। कुल मिलाकर चिक्कोडी लोकसभा क्षेत्र के दो विधायकों को मंत्री पद से नवाजा गया है।

रमेश जारकिहोली की भमिका

रमेश कत्ती तथा बालचंद्र जारकिहोली को मंत्री पद से दूर रखने के पीछे भी रमेश जारकिहोली की भमिका है। बेलगावी कोटा में खुद एक मात्र मंत्री बनने की चाहत तथा बेलगावी की राजनीति उनके अकेले के हाथ में होनी चाहिए यही रमेश जारकिहोली का उद्देश्य है। इसके चलते बेलगावी के दो प्रमुख नेताओं को मंत्री पद से वंचित किया है। इसके साथ ही चिक्कोड़ी लोकसभा क्षेत्र के दो जनों को मंत्री पद दिलवाने के पीछे उनका एक और समीकरण भी है।

उम्मीदवारों को जितवाने की दूरंदेशी

आगामी अथणी तथा कागवाड़ विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में अपने करीबी उम्मीदवारों को जितवाने की दूरंदेशी भी शामिल है कि यहां के दो जनों को मंत्री पद मिलने से इस क्षेत्र के मतदाता भाजपा उम्मीदवार को वोट देंगे। भाजपा अब दोनों क्षेत्रों में अपनी जड़ें गहरी कर पाएगी यह समीकरण है। इसके जरिए रमेश जारकिहोली ने एक ही तीर से दो पंछियों का शिकार किया है। अथणी तथा कागवाड़ क्षेत्र के महेश कमठल्ली तथा श्रीमंत पाटील ने गत दिनों विधायक पद से इस्तीफा दिया था। इनकी अयोग्यता का मामला अभी उच्चतम न्यायालय में है।

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