सोमवार को कसबा ले आउट के फत्तेखान पठान के घर में जमीन धंसी। फत्तेखान तथा उनकी पत्नी कमरे में सो रहे थे। उनके भाई-बहन दूसरे कमरे में सो रहे थे। घर के गलियारे में सो रहे परिवार के अन्य सदस्य भूस्खल की चपेट में आने से बाल-बाल बच गए। गलियारे में कुल 12 सदस्य सो रहे थे। पठान के घर में 12 फीट चौड़ा, 30 फीट गहरा गड्ढा पड़ा है। गलियारे में बिछाए गए पांच-छह फर्श के पत्थर भी उखड़े हैं। गड्ढे में दूषित पानी संग्रहित हो रहा है। पंपसेट की मदद से पानी बाहर निकाला जा रहा है। इस प्रकार की घटनाएं यहां की जनता के लिए आम बात है।
विशेषज्ञ ले चुके हैं जायजा
मेथाडोलॉजिकल लेबोरेटरी विशेषज्ञों ने भी स्थल का जायजा लिया है। अभी तक जमीन धंसने की वजह के बारे में पता नहीं चल पाया है। बारिश के शुरू होते ही जमीन धंसने की समस्या शुरू हो जाती है। नगर सभा के मुख्य अधिकारियों ने सरकार से इस समस्या का समाधान करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की है। सूत्रों के अनुसार नरगुंद में पहले राज घराने के लोग रहा करते थे, जो अनाज संग्रह करने के लिए भूमिगत भंडारणों का निर्माण किया करते थे। तीन-चार बार बाढ़ आने के कारण जमीन धंसने की आशंका जताई जा रही है।