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हुबली

बढ़ रहे मंकी फीवर के मामले

पिछले एक महीने के दौरान उत्तर कन्नड़ जिले के सिद्धापुर तालुक में बंदर रोग (मंकी फीवर केएफडी) के 31 मामलों की पुष्टि हुई है। कम समय में इतनी अधिक संख्या में मामले दर्ज होने से स्वास्थ्य विभाग चिंतित है।

हुबलीFeb 05, 2024 / 10:48 am

Zakir Pattankudi

बढ़ रहे मंकी फीवर के मामले

बढ़ रहे मंकी फीवर के मामले

सिद्धापुर तालुक में 31 मामलों की पुष्टि
की जा रही त्वरित प्रतिक्रिया
कारवार, सिरसी में केएफडी लैब स्थापित करने का प्रस्ताव सौंपा!
हुब्बल्ली. पिछले एक महीने के दौरान उत्तर कन्नड़ जिले के सिद्धापुर तालुक में बंदर रोग (मंकी फीवर केएफडी) के 31 मामलों की पुष्टि हुई है। कम समय में इतनी अधिक संख्या में मामले दर्ज होने से स्वास्थ्य विभाग चिंतित है।
बीमारी का पता लगाने में तेजी लाने के लिए कारवार और सिरसी में बंदरों की बीमारी का पता लगाने वाली प्रयोगशाला स्थापित करने का प्रस्ताव सौंपा गया है।
प्रयोगशाला शुरू करने का प्रयास
फिलहाल जिले से संदिग्ध मरीजों के खून के नमूने शिवमोग्गा स्थित केएफडी प्रयोगशाला में भेजे जा रहे हैं। इसके बजाय, स्वास्थ्य विभाग कारवार के क्रिम्स और सिरसी के पंडित सार्वजनिक अस्पताल में स्थित कोविड डिटेक्शन प्रयोगशाला में केएफडी डिटेक्शन प्रयोगशाला शुरू करने का प्रयास कर रहा है।
एनआईवी से मांगी अनुमति
होन्नावर केएफडी यूनिट के चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश शेट ने बताया कि पिछले दो साल से बंदरों की बीमारी (मंकी फीवर) के मामले कम हुए थे। इस बार अचानक बढ़ोतरी हुई है। सिद्धापुर तालुक के हलगेरी इलाके और अन्य जगहों पर 31 मामले सामने आए हैं। संक्रमण का देर से पता चलना संक्रमित लोगों की संख्या बढऩे का एक कारण है। अगर शुरुआती चरण में ही बीमारी का पता चल जाए तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इस कारण से रक्त नमूना परीक्षण की खातिर जिले में ही दो प्रयोगशालाएं शुरू करने के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) से अनुमति मांगी गई है।
उन्होंने बताया कि सभी संक्रमितों का स्वास्थ्य ठीक हो रहा है। किसी की हालत गंभीर नहीं है परन्तु लक्षणों की सूचना देर से देने से संक्रमण नियंत्रण में बाधा आ रही है। जिन गांवों में संक्रमण पाया गया है, वहां लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। शाम को हर गांव में बंदरों की बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए लघु फिल्म दिखाने की तैयारी की जा रही है।
वास्थ्य मंत्री से बात
जिले में ही बंदर रोग के निदान के लिए सर्वसुविधायुक्त प्रयोगशाला शुरू करने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री से बातचीत की जा रही है।
भीमन्ना नायक, विधायक, सिरसी

घर-घर जाकर सर्वेक्षण
बंदरों की बीमारी के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है और बुखार और अन्य लक्षणों वाले लोगों का पता लगाने के लिए सिद्धापुर तालुक के हलगेरी भाग सहित विभिन्न स्थानों पर स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया जा रहा है। विभाग के कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता सुरक्षा में जुटे हुए हैं। अब तक 11 हजार से अधिक घरों में डीएमपी तेल वितरित किया जा चुका है। हलगेरी में चौबीसों घंटे एक एम्बुलेंस तैनात की गई है। हमने जिले के अन्य सात तालुकों में भी सावधानी बरती है जहां बंदरों की बीमारी फैल सकती है।
डॉ. नीरज बी.वी., जिला स्वास्थ्य अधिकारी, उत्तर कन्नड़ जिला

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