कोल्हापुर जिले के 160 गांवों में नहीं है श्मशान भूमि
कोल्हापुर जिले के 160 गांवों में नहीं है श्मशान भूमि

कोल्हापुर जिले के 160 गांवों में नहीं है श्मशान भूमि
कोल्हापुर
कोल्हापुर जिले के 1025 गांवों में से 160 गांवों को अब भी श्मशान भूमि नहीं है। कुछ गांवों की श्मशान भूमि की टिन तेज हवा और बारिश के चलते टूट गई है। इन सभी श्मशान भूमि का सर्वेक्षण ग्रामपंचायत की ओर से शुरू है। जबकि कोरोना से निधि नहीं होने से कई श्मशान भूमि के काम पूरे नहीं हुए हैं। ऐसे में मार्च से पहले यह काम पूरे होने की मांग लोकप्रतिनिधि कर रहे हैं।
जहां गांव वहां श्मशान भूमि का धोरण जिला परिषद ने चलाया है। पांच साल पहले हर गांव में श्मशान भूमि बांधने का काम शुरू किया। इस बीच कई अधूरी श्मशान भूमि की अनदेखी हुई। दुरुस्ती के लिए कुछ सदस्यों ने निधि दिया लेकिन तेज हवा के साथ आ गई बारिश, बाढ के कारण कई श्मशान भूमि के निर्माण ढह गई। इसकी मरम्मत के प्रस्ताव पेश किए गए लेकिन जिन गांवों में श्मशान भूमि ही नहीं उनकी ओर प्राधान्य देने की मांग हो रही है।
तहसील निहाय श्मशान भूमि नहीं होने वाले गांव
तहसील ग्रामपंचायत संख्या श्मशान भूमि नहीं
आजरा 73 5
भूदरगड 97 17
चंदगड 109 26
गगनबावडा 29 2
गडहिंग्लाज 89 19
हातकणंगले 60 1
कागल 83 15
करवीर 118 1
पन्हाला 111 14
राधानगरी 98 34
शाहूवाडी 106 16
शिरोल 52 2
श्मशान भूमि गांवों की जरूरत है। सभी गांवों का सर्वेक्षण किया है। 160 गांवों को श्मशान भूमि की जरूरत है। इसके लिए जिला नियोजन समिति, मनरेगा और 15वें वित्त आयोग की निधि का इस्तेमाल किया जाएगा। उसका आराखडा करने का काम शुरू है। आचारसंहिता खत्म होने के बाद इन कामों की शुरुआत होगी। मार्च से पहले जिले के सभी गांवों में श्मशान भूमि बंधवाई जाएगी।
-अरुण जाधव, उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी, ग्रामपंचायत।
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