स्कूल-कॉलेज खोलने संबंधी सरकार के फैसले का विरोधहुब्बल्लीकोरोना महामारी के कारण पैदा हुए संकट के बीच स्कूल व कॉलेजों को खोलने के राज्य सरकार के फैसले का कर्नाटक रक्षणा वेदिके (स्वाभिमानी गुट) ने विरोध किया है। सोमवार को मिनी विधानसौधा के सामने सदस्यों ने प्रदर्शन कर तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस समय कोरोना संक्रमण की दहशत फैली हुई है, कोरोना महामारी से जनता को बचाने के लिए ही लॉकडाउन किया गया है। ऐसी परिस्थिति में जब कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, सरकार 1 जुलाई से स्कूल कॉलेज की कक्षाएं शुरू करने का फैसला कर रही है, जो अनुचित है। प्रदर्शनकारियों ने इजराइल का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 244 बच्चे स्कूल जाने की वजह से कोरोना संक्रमण के शिकार हो चुके हैं। उन्होंने सरकार से बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए एक जुलाई से कक्षाएं शुरू करने संबंधी फैसले को वापस लेने की मांग की।………………………..एनएसयूआई ने किया राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन-तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन[typography_font:14pt;” >हुब्बल्लीभारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने सोमवार को प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। छात्रों का आरोप था कि जब पूरी दुनियाभर के स्कूल-कॉलेज कोरोना महामारी के कारण बंद हैं, देशभर में पिछले ढाई माह से लॉकडाउन चल रहा है, ऐसे में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री ऑनलाइन क्लास शुरू करने तथा ऑनलाइन परीक्षा कराने की बात कर रहे हैं, जो सरासर गलत है। छात्रों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर प्रदेश सहित देशभर में लॉकडाउन से लोगों के रोजगार व कामधंधे पूरी तरह ठप पड़े हुए हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार ऑनलाइन क्लास व परीक्षा के नाम पर विद्यार्थियों के अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डाल रही है।प्रदर्शनकारियों ने उच्च शिक्षा मंत्री अश्वथ नारायण की निंदा करते हुए उन पर विद्यार्थियों के मामले में ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया। छात्रों ने ऑनलाइन क्लास व परीक्षा का विरोध करने के साथ ही डिग्री व डिप्लोमा कर रहे विद्यार्थियों को सीधे अगली कक्षा के लिए प्रोन्नत करने की मांग की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में एनएसयूआई पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे।