कुपोषित बच्चों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजनगदगकोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते कुपोषित बच्चों की रक्षा तथा बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किया गया। जिलाधिकारी एम सुंदरेश बाबू के निर्देशानुसार जिला पंचायत कार्यकारी भरत एस के मार्गदर्शन में महिला तथा बाल विकास विभाग की ओर से स्वास्थ्य शिविर 1 से 14 जुलाई तथा दूसरे चरण का शिविर 16 से 29 जुलाई तक आयोजित किया गया। जिले में कुल 243 कुपोषित बच्चे पाए गए हैं। छह तालुकों में आयोजित शिविर में बच्चे अपने अभिभावकों के साथ उपस्थित हुए।पहले चरण में प्रत्येक केंद्र में 25 बच्चों को भर्ती करवाने का अवसर दिया गया था इनमे से कुल 125 बच्चे अपने अभिभावकों के साथ उपस्थित हुए। दूसरे चरण में तीन तालुकों में 59 बच्चे अभिभावकों के साथ उपस्थित हुए। पहले चरण के शिविर में उपस्थित हुए अभिभावकों की कोरोना की जांच की गई। जिन अभिभावकों की कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई उन्हें ही शिविर में उपस्थित रहने की अनुमति दी गई।शिविर में शामिल हुए बच्चों को पोषाहार रिकवरी सेंटर की ओर से प्रतिदिन पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध करवाया गया। इसी प्रकार बच्चों के स्वास्थ्य की जांच, औषधि वितरण, अभिभावकों के लिए परामर्श कार्यक्रम आयोजित किया गया था। बच्चों को भोजन उपलब्ध करवाने व साफ सफाई की जिम्मेदारी अंगनवाड़ी के कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, समन्वयकों को सौंपी गई थी।47 बच्चों के स्वास्थ्य में सुधारस्वास्थ्य शिविर में जिले के 183 बच्चे शामिल हुए। इनमें 180 बच्चों के वजन में बढ़ोत्तरी देखी गई। गदग तालुक में 44, मुंडरगी में 15, नरगुंद में 44, रोण में 39, शिरहट्टी में 38 बच्चों के वजन में बढ़ोत्तरी देखी गई। कुपोषण का शिकार हुए जिले के 47 बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार है। शिविर में उपस्थित हुए सभी बच्चों में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए इन्फ्लुएंजा का टीका लगाया गया।[typography_font:14pt;” >शिविर में ये हुए कार्यक्रमशिविर की शुरुआत योगासन से होती थी। बाल विशेषज्ञ टीम के सदस्य बच्चों के रक्त, मूत्र, का परीक्षण करने के उपरांत इलाज करते थे। शिविर के अंतिम दिन सभी अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्वस्थ रखने का संकल्प लिया। शिविर पूरा करने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक को शिविर में भाग लेने वाले बच्चों के घर जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई।