उन्होंने कहा कि जनता में कोविड रोकथाम संबंधित जागरुकता कार्यक्रम जिले में आयोजित किया गया है जिसको आमजन सहयोग देना चाहिए। आशा कार्यकर्ताएं के घर आने पर कोविड लक्षणों को ना छिपाकर जानकारी देकर उपचार करवाने के लिए आगे आना चाहिए। घर में ही स्वयं उपचार नहीं करना चाहिए। इस कार्यक्रम में लम्बे समय से बीमार चल रहे तथा बुजुर्गों की पल्स ऑक्सीमीटर की मदद से वहीं पर ऑक्सीजन के स्तर की भी जांच की जाएगी।
केन्द्रीकृत कोविड मैनेजमेंट सिस्टम : जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में केन्द्रीकृत कोविड मैनेजमेंट सिस्टम स्टेट कोविड वार रूम के निर्देश अनुसार खोले गए हैं। केन्द्रीकृत बेड मैनेजमेंट व्यवस्था के तहत कोविड रोगियों को बेड आरक्षित करने का मौका दिया गया है। लाइन लिस्ट के जरिए कोविड पाजिटिव प्रकरणों की पहचान करने पर बेड की आवश्यकता रोगियों को पडऩे पर जिला सर्वेक्षण अधिकारी की ओर से बेड आरक्षित करना पड़ेगा।
जिला पुलिस अधीक्षक शिवप्रकाश देवराज ने कहा कि लॉकडाउन के समय जिले में कोविड नियमों का उल्लंघन करने वालों से जुर्माना वसूला गया है। लाठीचार्ज नहीं किया गया है। आमजन भी सहयोग दे रहे हैं। जिला प्रशासन के साथ पुलिस विभाग भी जनता का आभार प्रकट करता है। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी कृष्णमूर्ति एच.के. आदि उपस्थित थे।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में कोविड से स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़ रही है तथा संक्रमितों की संख्या घट रही है। उसी प्रकार मृत्यु दर भी कम होती जा रही है। उन्होंने कहा कि जिले में कुल 23 अस्पतालों को कोविड केर अस्पतालों के तौरपर चिन्हित किया गया है। कुल 1 हजार 351 बेडों को कोविड रोगियों के लिए आरक्षित किया गया है। इनमें 811 आक्सीजन बेड हैं। इनके साथ साथ 16 कोविड केयर सेंटरों की पहचान की गई है। इनमें 1 हजार 30 बेडों को आरक्षित किया गया है।