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मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर

मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर-एसआर हिरेमठ ने दी जानकारीहुब्बल्ली

हुबलीOct 17, 2019 / 07:58 pm

Zakir Pattankudi

मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर

मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर

480 पन्नों की याचिका सौंपी

शहर के पत्रकार भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एसआर हिरेमठ ने कहा कि वर्ष 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ने बेन्निगानहल्ली की 4.20 एकड़ गोचर जमीन को कानून का उल्लंघन कर डी-नोटिफिकेशन कर डीके शिवकुमार को सुविधा उपलब्ध की थी।
इस बारे में उच्चतम न्यायालय में 480 पन्नों की याचिका सौंपी गई है। इसकी सही जांच करनी चाहिए, सभी दोषियों को सजा होनी चाहिए तथा सरकार की संपत्ति को वापस प्राप्त करने की कार्रवाई करनी चाहिए।

संपूर्ण जांच हो

हिरेमठ ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. जी परमेश्वर के ठिकानों पर आयकर विभाग के छापे का स्वागत करते हैं। बल्लारी रिपब्लिक के खातमे की तरह कनकपुर रिपब्लिक का भी खातमा होना चाहिए। इसी प्रकार तुमकूरु रिपब्लिक का भी खातमा होना चाहिए। मंत्री वी सोमण्णा के खिलाफ भी आरोप हैं, जिसकी संपूर्ण जांच होनी चाहिए।

देशपांडे पर भी हो आयकर छापा

हिरेमठ ने कहा कि उत्तर कन्नड़ जिले को रिपब्लिक बनाने वाले विधायक एवं पूर्व मंत्री आरवी देशपांडे के खिलाफ भी आयकर छापा पडऩा चाहिए। भारी अनियमितताओं में लिप्त राजनेताओं पर आयकर छापामारी के जरिए सभी को कानून के दायरे में लाकर सजा देनी चाहिए। सांसद डीके सुरेश भी कई अनियमितताओं में लिप्त थे। उनके खिलाफ सीबीआई जांच करानी चाहिए। इसी प्रकार मंत्री वी सोमण्णा के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग को लेकर केंद्रीय सतर्कता आयोग को पत्र लिखा गया है।

निगरानी प्राधिकरण बनाएं

हिरेमठ ने कहा कि खनन क्षेत्र में जैविक पर्यावरण पुनिर निर्माण के लिए रखे गए समग्र पर्यावरण योजना के 24 हजार 996 करोड़ रुपए को खनन क्षेत्र के पुनरुत्थान तथा वहां के लोगों के हितों के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। इसकी निगरानी के लिए उच्चतम न्यायालय के एक सेवा निवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में निगरानी प्राधिकरण का गठन करने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी।

कप्पतगुड्डा में खनन कार्य की साजिश

हिरेमठ ने कहा कि मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ने गदग जिले के कप्पतगुड्डा को पहले ही वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया है। इसके बाद भी एक निजी कम्पनी इस क्षेत्र में खनन कार्य करने की साजिश कर रही है। इसके चलते राज्य सरकार पर वन्यजीव अभयारण्य की घोषणा वापस लेने का दबाव बना रही है।

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