जले में बारिश को लेकर बरती गई है पूर्व सतर्कता
जले में बारिश को लेकर बरती गई है पूर्व सतर्कता
जले में बारिश को लेकर बरती गई है पूर्व सतर्कता
जले में बारिश को लेकर बरती गई है पूर्व सतर्कता
-कोई भी जानी नुकसान नहीं
-जिलाधिकारी नितेश पाटील ने दी जानकारी
धारवाड़
जिलाधिकारी नितेश पाटील ने कहा है कि धारवाड़ जिले में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण अबतक किसी प्रकार का जानी नुकसान नहीं हुआ है। शुक्रवार को बाढ़ में फंसे करीब 9 लोगों तथा 495 भेड़-बकरियों की रक्षा की गई है। जिले में बाढ़ राहत कार्यों के लिए किसी प्रकार की आर्थिक कमी नहीं है। जिला प्रशासन के पास करीब 1.61 लाख रुपए है। जिले में बारिश को लेकर पूर्व सतर्कता बरती गई है।
वे धारवाड़ में मुख्यमंत्री से बाढ़ को लेकर आयोजित वीडियो संवाद के बाद पत्रकारों को जानकारी दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि बारिश से नुकसान तथा आमजन की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की दिशा में तालुक प्रशासन के साथ सामंजस्य स्थापितकर कार्य करने के लिए हर तालुक को एक जिला स्तरीय अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त कर नजर रखी गई है। ग्राम एवं तालुक स्तरीय अधिकारी केन्द्र स्थान में ही हैं। बारिश से संकट में आए लोगों को तुरंत बचाव कार्य के लिए तथा जिला प्रशासन को जानकारी देकर आवश्यक कार्रवाई करने के अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं। तहसीलदारों को अपने क्षेत्र के निचले इलाकों, तालाब के किनारे वाले क्षेत्रों में जागरूकता पैदा कर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
अलनावर तालुक
जिलाधिकारी ने कहा कि अलनावर तालुक में स्थित हुलिकेरी के इंदिरम्मा तालाब की एक हिस्से की दीवार टूटने से अतिरिक्त पानी बाहर जा रहा है। अलनावर के निचले इलाके में बाढ आने की संभावना है। इसके चलते करीब 200 परीवारों को स्थानांतरित किया जा रहा है। शहर के दो स्थलों में राहत केन्द्र खोले गए हैं। आवश्यकता पडऩे पर और अतिरिक्त राहत केन्द्र शुरू करने के लिए छह स्थलों को चिन्हित किया गया है। लोक निर्माण विभाग के अधीन में आने वाली कुंबारगणवी सडक़ का संपर्क कटा हुआ है। बारिश कम होने के बाद फिर से सडक़ की मरम्मत की जाएगी। शनिवार सुबह अत्यधिक बाढ आने से चार मवेशी पानी में बह गए थे जो दोपहर के बाद में वापस लौट आए हैं। हुलिकेरी इंदिरम्मा तालाब की मरम्मत के लिए सरकार को पुन: प्रस्ताव सौंपा जाएगा। और दो-तीन दिन तक निरंतर निगरानी रखते हुए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों मौके पर ही रहने के निर्देश दिए गए हैं।
नवलगुंद तालुक
जिलाधिकारी ने कहा कि नवलगुंद तालुक के मोरब-गम्मगोळ रोड बंद होने से बेण्णेहल्ला नहर में ३50 भेड़-बकरियों तथा 8 जने चरवाहे फंसने की सूचना मिली थी। तुरंत दमकल कर्मियों तथा तहसीलदार ने ठोस कदम उठाते हुए सभी की रक्षा की है। करीब 15 भेड़-बकरियों के पानी में बह जाने की जानकारी मिली है। संबंधित पशुपालन विभाग अधिकारियों को समीक्षा कर तुरंत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। आवश्यकता पडऩे पर नवलगुंद शहर में चार तथा सभी गांवों में राहत केन्द्र खोलने के लिए आवश्यक तैयारियां करने के तालुक प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं।
कुंदगोल तालुक
जिलाधिकारी ने कहा कि कुंदगोल तालुक के देवनूर ग्राम में बाढ में फंसे 180 भेड़-बकरियों की रक्षा की गई है। कूबिहाल ग्राम में अत्यधिक बारिश के कारण करीब 20 घरों के लोगों का स्थानांतरण किया गया है। वे सभी उनके रिश्तेदारों के घर गए हैं। वहां पर राहत केन्द्र खोलने की तैयारी की गई है। कलघटगी तथा धारवाड़-हुब्बल्ली तालुक में मूसलाधार बारिश हो रही है। विविध ग्रामों में कुछ मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। अबतक किसी प्रकार का अतिरिक्त नुकसान नहीं हुआ है।
करीब 21 हजार हेक्टेयर फसल जलमग्न
उन्होंने कहा कि जिले में मानसून की बारिश अच्छी होने के कारण निर्धारित मात्रा से अधिक भूमि में बुवाई की गई थी, परंतु अब कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण अबतक करीब 21 हजार 7३2 हेक्टेयर क्षेत्र की फसल जलमग्न हुई है। खास तौर पर एक हजार 675 हेक्टेयर में सोयाबीन, 6 हजार 684 हेक्टेयर में मक्का, एक हजार 646 हेक्टेयर में मूंग, 106 हेक्टेयर में मूंगफली तथा 81३ हेक्टेयर में कपास की फसल अत्यधिक नमी के कारण खराब हुई है।
सडक़ों का संपर्क कटा
उन्होंने कहा कि जिले में लोक निर्माण विभाग तथा पंचायतराज विभाग के देखरेख के विविध तालुकों में के करीब 16 पुल आंशिक रूप में क्षतिग्रस्त हुए हैं। वहां पर यातायात बहाली की गई है। 25 किमी राज्य सडक़ तथा 27 किमी जिला सडक़ आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुई हैं। बारिश रुकने के बाद इनकी मरम्मत की जाएगी। विविध तालुकों में गांवों को जोडऩे वाली 16 सडक़ें अस्थाई रूप से बंद हुई हैं। बारिश कम होने के साथ सडक़ों पर जमा पानी बह जाने से यातायात के लिए मुक्त हो जाएगा। तब तक आमजन को इन स्थलों में नहीं घूमने को लेकर जागरूकता पैदा की गई है।
158 स्कूल, 1३0 आंगनवाडी केन्द्रों में घुसा पानी
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में मूसलाधार बारिश के कारण करीब 158 स्कूल भवन तथा 1३0 आंगनवाडी केन्द्रों में पानी घुसा रहा है। भारी बारिश के कारण अबतक जिले के महानगर तथा ग्रामीण इलाकों में 561 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। शनिवार को एक ही दिन 191 मकानों को क्षति पहुंची है। एक मवेशी की मृत्यु हुई है। मुआवजा देने के लिए कार्रवाई की गई है।
मुख्यमंत्री से संवाद
मुख्यमंत्री ने बाढ प्रभावित 8 जिलों के जिलाधिकारियों तथा सीईओ से बाढ संबंधित वीडियो संवाद कर आगामी 24 घंटे बारिश से संबंधित अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। किसी प्रकार के जानी का नुकसान नहीं होने की दिशा में पूर्व सतर्कता बरतने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं। सडक़, पुल, राहत केन्द्रों की आवश्यकता पडऩे पर तुरंत कार्रवाई करनी तथा लोगों को किसी प्रकार की समस्या नहीं हो इस पर ध्यान देने के निर्देश दिए हैं।
संवाददाता सम्मेलन में जिला पंचायत की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. सुशीला, महा नगर निगम आयुक्त डॉ. सुरेश इट्नाळ, अपर जिलाधिकारी शिवानंद कराळे, उप विभागीय अधिकारी डॉ. गोपालकृष्ण आदि उपस्थित थे।
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