विद्यार्थियों को परीक्षा लिखने से रोका[typography_font:14pt;” >धारवाड़-हुब्बल्लीस्कूल फीस जमा नहीं करने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा लिखने की अनुमती नहीं देने से खफा अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन मंडल के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। यह मामला बुधवार को धारवाड़ के हेडपोस्ट कार्यालय के सामने स्थित बासेल मिशन इंग्लिश मीडियम स्कूल में हुआ है। अभिभावक जब एकत्रित हुए उसी दौरान मीडिया वाले भी मौके पर पहुंच गए। इससे दबाव में आए स्कूल प्रशासन मंडल ने कुछ ही देर में विद्यार्थियों को परीक्षा लिखने की अनुमति दी। रोजाना की तरह विद्यार्थियों के बुधवार स्कूल आने पर शुल्क नहीं जमा करने वाले बच्चों को कक्षा से बाहर खड़ा किया गया। बच्चों ने इस बारे में अपने अभिभावकों को जानकारी दी। अभिभावकों के स्कूल पहुंचने पर स्कूल प्रशासन मंडल ने उन्हें स्कूल फीस का भुगतान करने को कहा। इससे गुस्साए अभिभावकों ने शुल्क के बहाने उनके बच्चों को अचानक कक्षा से बाहर खड़ा करने की कार्रवाई की निंदा की। इस अवसर पर स्कूल कार्यालय में अभिभावक एवं स्कूल कर्मचारियों के बीच बहस हुई। इतने में मीडिया वालों के पहुंचने की सूचना मिलते ही स्कूल प्रशासनिक मंडल ने बच्चों को परीक्षा लिखने का मौका दिया। एक अभिभावक महिला ने कहा कि बच्चों को पहले से ही शुल्क जमा करने के लिए प्रशासनिक मंडल की ओर से कहना चाहिए था। हम शुल्क जमा करने के लिए तैयार हैं, परंतु अचानक शुल्क भरने के लिए कहना सही नहीं है। इससे कई अभिभावकों को समस्या होगी। महिला का कहना है कि वे अकेली है, उनके पति दूर के गांव में रहते हैं। इसके चलते आज वह किसी पहचान वालों से ब्याज पर राशि लेकर शुल्क भरने आई है। इस बारे में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बासेल मिशन स्कूल की मुख्य अध्यापिका जी.बी. जॉर्ज ने कहा कि शिक्षकों ने विद्यार्थियों को होमवर्क कर के लाने को कहा था। उसी प्रकार कुछ विद्यार्थियों ने होमवर्क किया है। होमवर्क नहीं करने वाले विद्यार्थियों को कुछ समय कक्षा से बाहर खड़ा करने के बाद वापस कक्षा में लिया है। शुल्क के कारण किसी भी विद्यार्थी को कक्षा से बाहर नहीं खड़ा किया है।