इसके अलावा आग से 200 हेक्टेयर से अधिक बेशकीमती वन संपदा नष्ट हुई है। इस क्षेत्र के अभयारण्य का दर्जा प्राप्त करने के बाद ही यहां अधिक आगजनी के मामले दर्ज हो रहे हैं। खास तौर पर डोनी, मुंडरगी तथा शिरहट्टी के पहाड़ी इलाकों में आगजनी के अधिक मामले दर्ज हो रहे हैं। लगातार पेश आ रही आगजनी पर काबू पाने के लिए वन विभाग ने अब निगरानी बढ़ाने का फैसला लिया है, इसके लिए वन कर्मचारियों के साथ स्थानीय ग्रामीणों की मदद लेने की योजना गठित की है।
कप्पतगुड्डा में आगजनी के मामलों से संबंधित वन विभाग ने 15 मामलों को दर्ज किया है, आग लगाने के आरोप का सामना कर रहे समाजकंटकों के खिलाफ 14 तथा निजी पवनचक्की (विंडमिल) कंपनी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है।
कई जगहों पर आगजनी के मामले
इस बार कई जगहों पर आगजनी के मामले हुए हैं। पिछले दिनों लगी आग पर काबू पाने के लिए अधिक समय लगा। ग्रामीण सूखी घांस को मात्र आग लगाते हैं परन्तु हालही में हरे पौधे वाले इलाकों में भी आग नजर आई है।
मंजप्पा दोनी, ग्रामीण