तुरन्त 50 हजार करोड़ रुपए मंजूर करें
अतिवृष्टि से लोग घर, मवेशियों को खोकर सड़कों पर आए हैं। औपचारिकता निभाते हुए राज्य सरकार ने थोड़ी राहत राशि दे रही है। इस दिशा में खामोश बैठी केंद्र सरकार को तुरन्त 50 हजार करोड़ रुपए मंजूर करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य का दौरा कर बाढ़ प्रभावित इलाकों की समीक्षा करनी चाहिए।राजनीति ही जरूरी बन गई
वाटाल नागराज ने कहा कि अब उपचुनाव घोषित होने से पीडि़तों की मदद करने के बजाए सभी जनप्रतिनिधियों ने राजनीति की ओर रुख किया है। लोगों की समस्याओं से ज्यादा उन्हें राजनीति ही जरूरी बन गई है।प्रधानमंत्री को जानकारी नहीं
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमरीका में मौज मना रहे हैं परन्तु राज्य में बाढ़ पीडि़त आंसू बहा रहे हैं। इस बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी नहीं है। केंद्र सरकार से राहत राशि मंजूर नहीं हुई है। मंत्रिमंडल की बैठक में झूठ बोला जा रहा है।पीडि़तों की मदद के लिए चंदा दे
वाटाल नागराज ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री राहत कोष में केवल 120 करोड़ रुपए ही चंदा संग्रह हुआ है। यह कर्नाकक के लिए किया गया अपमान है। कम से कम एक हजार करोड़ रुपए चंदा संग्रह होना चाहिए। राज्य के धनवानों, मठ-मंदिरों समेत संघ-संस्थाओं को बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए चंदा देना चाहिए।कर्नाटक बंद का निर्णय किया जाएगा
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को बाढ़ के मुद्दे पर राजनीति नहीं करके सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। विधायिका की बैठक में चर्चा करनी चाहिए। इसके अलावा इस बार के अधिवेशन को बेलगावी के सुवर्णसौधा में कर विस्तृत चर्चा करनी चाहिए। वरना राज्य के विभिन्न संगठनों से चर्चा कर कर्नाटक बंद का निर्णय किया जाएगा।विभिन्न कन्नड़ संगठनों के नेता अमृत इजारे, महेश पत्तार, विनोद कैरकट्टी, सचीन गाणगेर, विशाल कैरकट्टी, संजीव दुम्मक्कनाल समेत कई उपस्थित थे।