प्रवासियों की प्रमुख मांग, कर्नाटक के बड़े शहरों से राजस्थान के लिए रोजाना रेल व हवाई सेवा शुरू करें
राजस्थान में औद्योगिक वातावरण तैयार करें और प्रवासियों को उद्योग लगाने में प्राथमिकता दें कर्नाटक के बड़े शहरों में राजस्थान सरकार संपर्क केन्द्र खोलें लोकतंत्र का उत्सव
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Rajasthan Legislative Assembly Election
कर्नाटक में निवास कर रहे राजस्थान मूल के लोगों की प्रमुख मांग परिवहन सेवाओं में सुधार करना है। प्रवासियों का कहना है कि कर्नाटक के प्रमुख शहरों से राजस्थान के लिए नियमित रेल एवं हवाई सेवा शुरू की जानी चाहिए। राजस्थान में उद्योग का वातावरण तैयार किया जाएं, प्रवासियों को राजस्थान में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएं। ऐसी एकल खिड़की की व्यवस्था की जाएं कि उद्योग लगाने की सारी औपचारिकताएं एक ही जगह सरल तरीके से पूरी हो सके। राजस्थान सरकार को कर्नाटक के बड़े शहरों में ऐसे संपर्क केन्द्र भी खोलने चाहिए जहां से प्रवासी राजस्थान में कामकाज एवं समस्याओं के निराकरण के लिए संपर्क साध सकें।
कर्नाटक के हर छोटे-बड़े शहर में राजस्थान मूल के लोग बिजनस कर रहे हैं। हर साल हजारों लोग रोजगार के लिए राजस्थान से कर्नाटक आ रहे हैं। प्रवासी गर्मियों के अवकाश, शादी-विवाह, पर्व-त्यौहार एवं अन्य महत्वपूर्ण दिवस एवं अवसरों पर राजस्थान जाते हैं। चुनाव के समय भी प्रवासियों की प्रमुख भूमिका रहती है। इस बार भी राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भाग लेने के लिए प्रवासी बड़ी संख्या में राजस्थान गए हैं। राजस्थान में 25 नवम्बर को विधानसभा चुनाव है।
मारवाड़ इलाके के प्रवासी अधिक
कर्नाटक में मूल रूप से राजस्थान के जालोर, सिरोही, पाली, बाड़मेर, बालोतरा, सांचौर, जोधपुर जिलों के लोग बहुतायत में है। इसके अलावा नागौर, बीकानेर, फलोदी, राजसमंद जिलों के भी प्रवासी निवास कर रहे हैं। राजस्थान पत्रिका ने भी राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले यहां जागो जनमत अभियान चलाया था। साथ ही विभिन्न विधानसभा क्षेत्र के प्रवासियों के साथ चर्चा कर उनके क्षेत्र की समस्याओं को जाना था। पिछले एक सप्ताह से प्रवासियों के राजस्थान जाने का क्रम बना हुआ है। चुनाव से ऐन पहले शुरू की गई कई विशेष ट्रेनों के जरिए भी प्रवासी राजस्थान गए हैं। बसों के माध्यम से भी लगातार राजस्थान जा रहे हैं। कई प्रवासियों ने हवाई टिकट भी बनवाए।
पानी खरीदने को मजबूर
प्रवासियों का कहना है कि कर्नाटक से राजस्थान को जोडऩे के लिए एवं आवाजाही सुगम बनाने के लिए कर्नाटक के हर बड़े शहर से रोजाना रेल की सुविधा मिलनी चाहिए। वहीं बड़े शहरों से हवाई सेवा भी नियमित की जानी चाहिए। प्रवासियों का कहना है कि राजस्थान में पेयजल की किल्लत आज भी बड़ी समस्या है। कई गांवों में सप्ताह में एक दिन पानी आ रहा है। ग्रामीण आज भी महंगी दरों पर टैंकरों से पानी की आपूर्ति कराने को मजबूर है। उनके इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर नहीं है। कई जगह अस्पताल तो बने हैं लेकिन चिकित्साकर्मियों की कमी है। सड़कें अधिकांश गांवों में टूटी हुई है।
सुविधा मिले तो प्रवासी उद्योग लगाने को तैयार
रोजगार के साधनों का आज भी अभाव बना हुआ है। यही वजह है कि राजस्थान के लोगों को दक्षिण के राज्यों की तरफ रूख करना पड़ रहा है। राजस्थान के जिन छोटे शहरों में रीको के औद्योगिक क्षेत्र बने हुए हैं वहां भी सुविधाओं की कमी है। ऐसे में कोई प्रवासी उद्योग लगाने के लिए आगे नहीं आ रहा है। कई गांव आजादी के इतने सालों बाद भी सरकारी बस सुविधा से महरूम है। बिजली कटौती आम है। किसानों की सुनवाई नहीं हो रही है। प्रवासी यह भी मानते हैं कि राजस्थान में भ्रष्टाचार चरम पर है। छोटे काम के लिए भी सरकारी दफ्तरों के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। राजस्थान में कानून-व्यवस्था बेहतर बनाने की जरूरत हैं। चोरी की बढ़ती वारदातों के लिए पुलिस गश्त बढ़ाने की दरकार है।
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