महान योद्धा थे शिवाजी महाराज[typography_font:18pt;” >इलकल (बागलकोट)विजयमहांतेश संस्थानमठ प्रमुख गुरुमहांतस्वामी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज हिन्दू संस्कृति के रक्षक एवं महान योद्धा थे। वे नीतिवान होने के साथ-साथ नैतिक व चरित्रवान भी थे। उन पर उनकी माता व गुरु का विशेष प्रभाव था। वे हमेशा महिला सुरक्षा के पक्षधर रहे और पराई स्त्री का मां-बहिन के समान आदर करते थे। वे बुधवार को छत्रपति शिवाजी हिन्दू क्षत्रिय महासभा की ओर से कंठीवृत में शिवाजी महाराज की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज ने कई साल तक औरंगजेब के मुगल साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष किया और अंतत: मुगल सेना को परास्त किया। शिवाजी महाराज के शौर्य व पराक्रम का लोहा उनके शत्रु भी मानते थे और नहीं चाहते हुए भी उनकी तारीफ करने को मजबूर हो जाते थे। शिवाजी का पूरा जीवन हिन्दुत्व की रक्षा के लिए समर्पित रहा। सभी को शिवाजी महाराज के जीवन से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।बंजारा महाशक्तिपीठ नीलानगर के कुमार महाराज ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि शिवाजी महाराज जैसे महान योद्धा व महापुरुष का जन्म हमारी इस धरा पर हुआ। हिन्दुत्व कोई धर्म नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था है। हमें देश को दुनिया में श्रेष्ठ बनाने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है। मुख्य वक्ता हिन्दू जागरण मंच के प्रदेश संचालक शिवानन्द बडीगेर ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर प्रकाश डाला और लोगों से आह्वान किया कि वे शिवाजी महाराज के आदर्शों को आत्मसात करें। केकेएमपी बागलकोट जिला अध्यक्ष डॉ. सिद्दू दिवान ने भी विचार वयक्त किए।हिन्दू क्षत्रिय महासभा इलकल के अध्यक्ष बसवराज आरैर ने की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत माला अंगड़ी के प्रार्थना गीत के साथ हुआ। अतिथियों का स्वागत पुरुषोत्तम दरक ने किया। मुख्य अतिथि स्थानीय विधायक दोड्डनगौड़ पाटील सहित सभी अतिथियों ने शिवाजी महाराज के भावचित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर नागराज कोरेनवर, प्रशांत हन्चाटे, चन्द्रहास सिंगद, सी.जे. जाधव, नारायण कन्दीकोण्ड, कृष्णा मधुरकर, देवप्पा गौली, वी.एच.केन्दूली, मोतीलाल काम्बलेकर, अशोक चित्रगार, एन.डी. अम्बोरे व शिल्पा मोरे आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का समापन कपिल पवार की ओर से गाए वन्दे मातरम गीत के साथ हुआ।