कृषि विभाग के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि धारवाड़ जिले में मानसून में कुल 2.73 लाख हेक्टेयर बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। मुख्य फसलें जैसे कपास 70 हजार हेक्टेयर, सोयाबीन 40 हजार हेक्टेयर, मक्का 40 हजार हेक्टेयर, ज्वार 50-55 हजार हेक्टेयर, उड़द 8-10 हजार हेक्टेयर में बोने का लक्ष्य रखा गया है।
उर्वरक का स्टॉक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में जिले में 10,400 मीट्रिक टन यूरिया, 10,100 मीट्रिक टन डीएपी और 14,500 मीट्रिक टन कॉम्प्लेक्स सहित कुल 37,300 मीट्रिक टन उर्वरक का स्टॉक किया जा चुका है। सितंबर तक कुल जिले को 58 हजार मीट्रिक टन खाद की जरूरत पड़ेगी। किसानों को हर महीने मांग के अनुसार आपूर्ति की जाएगी।
अधिकारी ने बताया कि पिछले साल जिले में 16,900 क्विंटल बुआई बीज का संग्रह किया गया था। इस वर्ष 19000 क्विंटल बुआई बीज का संग्रह किया गया है। इसमें से 1600 क्विंटल मूंग, 500 क्विंटल उड़द, 290 क्विंटल धान, 1100 क्विंटल मूंगफली, 15000 क्विंटल सोयाबीन के बुवाई बीज एकत्र किए गए हैं। आवश्यक पडऩे पर अतिरिक्त बुवाई के बीजों की आपूर्ति की जाएगी।
किरेसूर के किसान गुरु रायनागौड़ा ने बताया कि हम पहले से ही बुवाई के लिए भूमि तैयार कर चुके हैं। इस बार पूर्वी मानसून में सामान्य से कम बारिश हुई है। 15 जून तक अच्छी बारिश नहीं हुई तो पैदावार घटेगी। अगर मानसून की बारिश उम्मीद के मुताबिक नहीं हुई तो कपास या मिर्च उगानी पड़ेगी।
प्रचुर मात्रा में संग्रह बुआई बीज और खाद पर्याप्त मात्रा में पहले ही संग्रह किए गए हैं। मानसून में किसानों को परेशानी नहीं होगी। किसानों की सुविधा के लिए धारवाड़, हुब्बल्ली, गरग, शिरगुप्पी, अम्मिनबवी, नवलगुंद, दुम्मवाड़, मोरब, छब्बी, संशी, कुंदगोल, हेबसूर, कलघटगी में कुल 14 किसान संपर्क केंद्रों तथा प्रत्येक राजस्व केंद्र (होबली) के लिए एक या दो उप-बिक्री केंद्रों सहित 31 केंद्रों में बुवाई के बीज का वितरण की कार्रवाई की गई है।
-शिवनगौड़ा पाटिल, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग