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पहाड़ी तथा मैदानी क्षेत्र में बुवाई का कार्य जोरों पर

पहाड़ी तथा मैदानी क्षेत्र में बुवाई का कार्य जोरों पर-मानसून सक्रियहुब्बल्ली

हुबलीJun 17, 2021 / 11:48 am

Zakir Pattankudi

पहाड़ी तथा मैदानी क्षेत्र में बुवाई का कार्य जोरों पर

पहाड़ी तथा मैदानी क्षेत्र में बुवाई का कार्य जोरों पर

सोयाबीन व मटर उत्पाद को प्राथमिकता

हर बार 15 जून तक बुवाई होती थी। अर्ध पहाड़ी तथा बेलवल के ग्रामण क्षेत्रों में मानसून का बुवाई कार्य इस साल मई महिने के अंत तक 70 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुका है। जिले के अधिकांश किसान सोयाबीन व मटर के उत्पाद को प्राथमिकता दे रहे हैं। इस बार 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई होने का अनुमान है। मक्का को प्राथमिकता दी गई है। किसान बीज संगृहीत कर चुके हैं। इस दोनों उत्पादों की बुवाई के लिए अभी दो माह का समय है। मूंगफली, उड़द, मक्का सहित 55 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई होने की उम्मीद है। जिले में हमेशा की तरह गन्ना फसल का रकबा बढ़ता ही जा रहा है। धान की बुवाई जहां 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है वहीं गन्ने की बुवाई 70 से 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है। अण्णिगेरी में कपास की उपज को जहां प्राथमिकता दी जाती थी इस साल अधिक बारिश होने की वजह से मूंग के बीज बोने का प्रचलन शुरू हुआ है। मृगशिरा बारिश की वजह से कृषि गतिविधियां अच्छी चल रही हैं। पहाड़ी क्षेत्र में बोए गए देसी धान की फसल हरी-भरी दिख रही है। पंद्रह दिनों पहले धान बोया गया था। इतना ही नहीं देसी बीज किसान अपने घर में संगृहीत कर बुवाई करते हैं। अत: किसान बीजों के लिए सरकार पर निर्भर नहीं हैं।
गन्ने की फसल का दायरा साल-दर-साल बढ़ रहा है जिसकी वजह से, देसी धान की बुवाई का क्षेत्र घट रहा है और इस साल यह गिरकर 12 हजार एकड़ तक ही सिमट कर रह गया है।
वर्ष 2017 में चार साल पहले जिले में 23 हजार एकड़ क्षेत्र में देसी धान की बुवाई होती थी। यह साल दर साल घटती जा रही है। पारंपरिक उपज को छोड़ अब किसान गन्ना, कपास, सोया की कृषि करने की दिशा में अग्रसर हैं।

जिले में बुवाई का लक्ष्य

जिले में इस साल सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। धारवाड़ जिले में 2.35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई का लक्ष्य है। इस साल 1.75 हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई का कार्य पूर्ण हो चुका है। जिले में 15 हजार 428 क्विंटल विभिन्न बीजों की मांग है। पहले से ही 20 हजार 268 क्विंटल बीज उपलब्ध हैं। पहले से ही 16 हजार 781 क्विंटल बीज किसानों को वितरित किए गए हैं। जिले में यूरिया 12 हजार 714 स्टाक है 7 हजार 704 टन बीज बिक चुका है, 5 हजार 10 टन स्टाक में है। डीएपी 12 हजार 286 टन सूची में है। विभिन्न उर्वरक का व्यापार अभी तक 22 हजार 423 टन हुआ है। जिले में 2 हजार 713 टन स्टाक में है। जिले के 72 बीज की दुकानें, 54 उर्वरक की दुकानें तथा 41 कीटनाशक की दुकानें हैं। विभाग के अधिकारियों ने इन दुकानों का जायजा लिया। कमियां मिलने पर बीज की एक व उर्वरक की छह दुकानों के मालिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।

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