सोंदा जागरूकता मंच से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 1995 से यह सिलसिला जारी है। मई माह में तौकते तूफान के प्रभाव से बारिश हुई। पंछी बीते साल 16 मई को तालाब क्षेत्र पर डेरा डालने के बाद 24 मई को बारिश के आगमन की प्रतीक्षा में तालाब पर उतर कर शाम 7 बजे वापस लौटे थे। यह प्रकिया जून माह की दो तारीख तक चलती रही। 3 जून को तालाब पर एक भी सारस नहीं था। बाद में सारस तालाब की समीक्षा करने आए सारस समीक्षा करने के उपरांत वापस लौट गए। दस दिनों के पश्चात रविवार को पुन: सारस तालाब पर लौटे। सारस का इस प्रकार का उलझन दूसरी बार हुआ है। वर्ष 2005 के दौरान मई माह में तालाब पर उतरे पंछी मौसम में बदलाव होने की वजह से वापस लौट गए थे।