सबसे मुश्किल है खुद को जीतना [typography_font:18pt;” >कोल्हापुरआचार्य महाश्रमण ने सोमवार सुबह कागल विकासवाड़ी से मंगल विहार किया। यहां से विहार करते हुए महाश्रमण लगभग 11 किलोमीटर पदयात्रा करते हुए कोल्हापुर के महावीर भवन में पधारे। यहां जिनेश्वर हॉल में आयोजित मुख्य प्रवचन कार्यक्रम के दौरान आचार्य ने कहा कि दुनिया में जय-पराजय की बात होती रही है। कोई भी सक्षम किसी कमजोर को परास्त कर वह विजयी हो सकता है, परंतु परम विजयी नहीं बन सकता है। जो व्यक्ति अपनी आत्मा को जीत लेता है, वही परम विजयी बन सकता है। दूसरों को जीतना आसान हो सकता है, किन्तु स्वयं को जीतना बड़ा मुश्किल कार्य होता है। अध्यात्म जगत में दूसरों से नहीं अपने आप से युद्ध करना पड़ता है और उसके परिणामस्वरूप ही साधना की जाती है।आचार्य ने कहा कि करीब छह वर्षों बाद गुरुदर्शन करने वाली साध्वी सोमलता, साध्वी शिवप्रभा की सहवर्ती साध्वी अमितरेखा, साध्वी पदमावती की सहवर्ती साध्वी गवेषणाश्री व साध्वी सोमलता की सहवर्ती साध्वी रक्षितयशा ने अपने-अपने हृदयोद्गार व्यक्त किए हैं। करीब दो वर्ष बाद गुरुदर्शन करने वाले मुनि आलोककुमार ने अपनी हर्षाभिव्यक्ति दी। इस अवसर पर कोल्हापुर की ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने गुरुवंदना की।