अब नहीं होगी बागलकोटे की जनता को पेयजल की किल्लतस्वघोषित संपत्ति कर में बढ़ोतरी अनुचित-सरकार से की फैसले पर पुनर्विचार की मांग[typography_font:14pt;” >बागलकोटे हुनगुंद जन जागृति मंच के प्रधान सचिव नागराज होंगल ने कहा है कि सरकार की ओर से स्वघोषित संपत्ति कर में 25 प्रतिशत की अचानक बढ़ोतरी करना अनुचित है। इस तरह कर बढ़ाकर सरकार ने कोरोना महामारी की मार झेल रही जनता के घावों पर नमक छिड़कने का काम किया है। होंगल रविवार को संवाददाताओं के सवालों के जवाब में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों तथा दूसरे लोगों पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ रहा है।गौरतलब है कि आयकर विभाग की ओर से स्वघोषित संपत्ति कर के प्रावधानों के अनुसार 30 अप्रेल तक टैक्स भरने वाले करदाता को पांच प्रतिशत टैक्स में छूट का नियम था, जिसे लॉकडाउन के चलते 31 मई तक बढ़ा दिया गया था। यदि करदाता ने 31 मई तक टैक्स का भुगतान नहीं किया तो उसे 25 प्रतिशत अतिरिक्त कर के रूप में भुगतान करना होगा। होंगल ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण देश में अभी हालात सामान्य नहीं हुए हैं, सभी वर्ग के लोगों को कठिन हालात का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे समय में सरकार को लोगों पर अतिरिक्त आर्थिक भार नहीं डालना चाहिए। उन्होंने इस नियम को शीघ्र वापस लेने की मांग की। यदि सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो आगामी दिनों में बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। इस अवसर पर वकील वी. डी. जनाद्री, बी.जे. कंबालीमठ, किसान नेता श्रीकृष्ण जालिहाल, चन्नबसप्पा इलकल एवं विजय चिन्ननवर आदि मौजूद थे।