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हुबली

दीक्षार्थी का वर्षीदान वरघोड़ा निकाला

दीक्षार्थी का वर्षीदान वरघोड़ा निकाला-मुमुक्षु पलक की दीक्षा आजहुब्बल्ली

हुबलीFeb 25, 2020 / 08:59 pm

Zakir Pattankudi

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दीक्षार्थी का वर्षीदान वरघोड़ा निकाला,दीक्षार्थी का वर्षीदान वरघोड़ा निकाला

भगवती दीक्षा आज

शहर के केश्वापुर स्थित वासुपुज्य जैन श्वेताम्बर मंदिर के पास बुधवार सुबह 6 बजे आचार्य अभयशेखर सूरीश्वर, हीरचंद्र सूरीश्वर, उपाध्याय कनकसुंदर विजय आदि ठाणा एवं साध्वी चरित्रवर्धनाश्री, साध्वी ज्योतिवर्धनाश्री आदि ठाणा के सान्निध्य में मुमुक्षु पलक कुमारी की भगवती दीक्षा होगी।

संयम ही जीवन में जलाता है दीप

दीक्षार्थी पलक कुमारी के वर्षीदान वरघोड़े के बाद आयोजित धर्म सभा में आचार्य अभयशेखर सूरीश्वर ने कहा कि संयम ही जीवन में दीप जलाता है। उसके बाद ही मानव मोक्ष की प्राप्ति करता है। संयम जीवन मानव तभी धारण करता है, जब आत्मा में वैराग्य प्राप्त होता है। संयम मुक्ति पथ पर आगे बढऩे का मार्ग है, जिसे वीर पुरुष ही ग्रहण करते हैं। संयम ही एक ऐसा मार्ग है, जिस पर चलकर मानव आत्मा को सफल बनाने में कामयाब हो पाता है।
उन्होंने दीक्षा ले रही बहन पलक कुमारी के इस निर्णय की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस संसार के लोभ-लालच में उलझकर मानव अपनी आत्मा को संयम जीवन प्रदान करने नहीं देता है।
आचार्य अभयशेखर सूरीश्वर ने कहा कि जैन साधु-साध्वी को दीक्षा के दिन पांच महाव्रत उनके गुरु भगवंत देते हैं। जिंदगी भर के लिए छोटे से जीव को भी नहीं मारना है और कोई भी मारता है तो उसकी प्रशंसा नहीं करना है। अहिंसा के मार्ग पर सदा तत्पर रहना चाहिए। झूठ, चोरी, ब्रह्मचर्य, परिग्रह एवं सूर्य अस्त से पहले दूसरे दिन के सूर्योदय के बाद 48 मिनट खाना, पीने का त्याग के नियम दिए जाते हैं। साध्वी बनने के बाद अपने पिता या भाी, बच्चे आदि पुरुषों को स्पर्श भी नहीं कर सकते। साधु बहनों को स्पर्श भी नहीं कर सकते। पैसा, अलंकार, घर आदि सभी का त्याग करके भिक्षा के जरिए भोजन करते हैं।
इसके बाद सकल जैन समाज ने दीक्षार्थी पलक कुमारी का बहुमान किया।

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