वहीं, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमिटी (टीपीसीसी) अध्यक्ष एन.उत्तम कुमार रेड्डी ने विधानसभा स्पीकर और तेलंगाना के राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों ने विधायकों के खिलाफ हमारी शिकायत पर कोई कार्यवाई नहीं की।
उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस के सभी 12 विधायकों का एक साथ सत्तारूढ़ टीआरएस में शामिल होने की बात गलत है। उन्होंने टीआरएस में गए विधायकों को चुनौती दी कि वे अपने पद से इस्तीफा दें और टीआरएस पार्टी के टिकट पर फिर से चुनाव लड़ें। टीपीसीसी अध्यक्ष ने कहा विधायकों के खिलाफ उनके द्वारा दायर मामला 11 जून को सुनवाई के लिए आ रहा था। उन्होंने कहा कि वे टीआरएस पार्टी में शामिल होने के बाद विधायकों द्वारा किये गए लाभों का विवरण भी इकठ्ठा कर रहे हैं।
वहीं, पूर्व मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहम्मद शब्बीर अली ने आरोप लगाया कि विवधानसभा अध्यक्ष पी.श्रीनिवास रेड्डी मुख्यमंत्री केसीआर के इशारे पर काम कर रहे हैं। शब्बीर अली ने सत्तारूढ़ टीआरएस में सीएलपी के विलय पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मीडिया से कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने बिना नियमों का पालन किए ही सीएलपी का विलय कर दिया। संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अध्यक्ष ने कांग्रेस द्वारा दर्ज कि गई शिकायत पर विचार नहीं किया।
पूर्व मंत्री शब्बीर अली ने कहा कि टीआरएस ने इसी साल मार्च में विधायकों को अपने पार्टी में शामिल करने का अभियान शुरू किया था। यह अभियान जून में समाप्त हुआ। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट जाएगी और टीआरएस को बेनकाब करने के साथ ही न्याय की मांग करेगी। कॉंग्रेस विधायक दल को टीआरएस में शामिल करने को लेकर राजनेताओं की नाराजगी के साथ साथ अब युवाओं में भी ग़ुस्सा पैदा हो गया है। बेरोज़गार मोर्चा तथा छात्र संगठनों ने कल उस्मानिया विश्व विद्यालय के आर्ट्स कॉलेज के सामने ज़ोरदार प्रदर्शन किया। युवाओं ने सत्ताधारी टीआरएस पर आरोप लगाया कि वो विरोधी पक्ष को ख़त्म करने और लोकतंत्र की हत्या करने में लगी है। मोर्चा के अध्यक्ष सी. दयाकर ने इसे अलोकतांत्रिक बताया।