उनका कहना है कि देश के पास इस कोरोना वायरस से लड़ने के लिए केवल एक ही दवाई है वह है लॉकडाउन। उन्होंने यह भी कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को छह महीने या साल भर में गति दी जा सकती है। इसके लिए हम त्याग भी करेंगे। परंतु जान गंवाने वाले लोगों को दोबारा जिंदा नहीं किया जा सकता। मानव का जीवन बड़ा कीमती होता है उसे खरीदा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के खुलने के बाद नियंत्रण की कोई सीमा नहीं होगी। हालात बाद में काबू नहीं किए जा सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान हमें गरीबों के राशन, भोजन और लोगों के रोजगार की व्यवस्था करनी पड़ेगी। इसलिए उन्होंने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की अपली की।
गौरतलब है कि तेलंगाना में अब तक 364 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। 11 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। जबकि 45 लोगों के छुट्टी दे दी गई हे। वर्तमान में 308 पीड़ितों का इलाज सिकंदराबाद के गांधी अस्पताल में चल रहा है।