सीएलपी नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क के नेतृत्व में यह बैठक आयोजित हुई, जिसमें कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेता मो.अली शब्बीर समेत पार्टी के विधायकों डॉ.श्रीधर बाबू, जी.वेंकट रमणा रेड्डी, के.राजगोपाल रेड्डी, पायलट रोहित रेड्डी और एमएलसी जीवन रेड्डी ने भाग लिया था।
मल्लू भट्टी ने कहा की ग्रेजुएट्स निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी के रूप में पूर्व मंत्री टी.जीवन रेड्डी की जीत से राज्य में केसीआर के शासन का अंत शुरू हुआ है। उन्होंने जनता से आपील की कि आगामी चुनाव में केसीआर को वोट न दें, क्योंकि केसीआर ने मनमाने दामों पर कोंग्रेसी विधायकों को खरीद कर अपनी पार्टी में शामिल किया है।
कांग्रेस कार्यालय के हरी ने पत्रिका को बताया कि मुख्यमंत्री केसीआर का एकमात्र लक्ष्य राज्य में 16 संसदीय सीटों को जीत कर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में बरकरार रखना है। इतना ही नहीं, केसीआर सभी से यह कह रहे हैं कि 16 सांसदों की सीटें जीत कर वे केंद्र में थर्ड फ्रंट सरकार बनाएंगे। इस बारे में भट्टी ने यह भी बताया कि टीआरएस पार्टी ने एनडीए सरकार के कई मामलों जैसे जीएसटी व नोटबंदी को समर्थन दिया था। इतना ही नहीं बीजेपी, एमआईएम और टीआरएस पार्टियां एक ही थाली के चट्टे—बट्टे हैं।
बता दें कि कांग्रेस ने केसीआर के खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के लिए गुरुवार को सीईओ रजत कुमार के पास एक शिकायत दर्ज की, जिसमें आरोप लगाया गया कि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने एक किसान विवाद को सुलझाने में मदद करके आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है। टीपीसीसी चुनाव आयोग समन्वय समिति के अध्यक्ष एम शशिधर रेड्डी ने कहा कि सीएम शरथ नामक किसान की मदद के लिए मंचेरियल कलेक्टर को आदेश देकर नाटक कर रहे थे। रजत कुमार ने कहा कि वह शिकायत को देखेंगे और उसी पर स्पष्टीकरण प्राप्त करेंगे। उसके बाद इस लेजिस्लेचर पार्टी की बैठक आयोजित करके कांग्रेस शायद तेलंगाना में आक्रामक रूप से प्रचार की रणनीति पर अमल करने जा रही है।