21 छात्रों ने किया सुसाइड
इंटर परिणामों में गड़बड़ी के कारण कम अंक मिलने से कई छात्रों ने आत्महत्या कर ली है। परिणाम घोषित होने से अब तक 21 छात्रों के आत्महत्या करने की खबर सामने आयी है। परिणामों में गड़बड़ी को लेकर राज्य में विपक्षी दलों का विरोध प्रदर्शन भी तेज हो गया है। तेलंगाना में इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में गड़बड़ियों की वजह से छात्रों, उनके माता-पिता, छात्र संघटनों और राजनीतिक पार्टियों के प्रदर्शन पिछले एक हफ्ते से लगातार चल रहे हैं।
कार्यालय पर ही भूख हडताल पर बैठै के.लक्ष्मण
तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष के.लक्ष्मण इंटर परिणामों में गड़बड़ियों के खिलाफ धरना देना चाहते थे, परन्तु हैदराबाद पुलिस ने उन्हें किसी सार्वजनिक स्थान पर धरना देने की इजाजत नहीं दी। इसलिए वे बीजेपी कार्यालय में ही भूक हड़ताल पर बैठ गए हैं। वहीं, कल एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के घर को घेर कर नारेबाजी की।
सुसाइड करने वालों के परिजनों को मुआवजे के लिए याचिका
दूसरी तरफ, इंटर परिणामों की घोषणा के बाद आत्महत्या कर चुके विद्यार्थियों के परिजनों को 50 लाख रूपये के मुआवजे की मांग करते हुए हाई कोर्ट में एक और याचिका दाखिल हुई है। इससे हाई कोर्ट अब दो याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। इंटर बोर्ड के सचिव अशोक और तेलंगाना शिक्षा विभाग के सचिव जनार्दन रेड्डी भी सुनवाई के दौरान उपस्थित थे।
री-वेरिफिकेशन और री-काउंटिंग की जाएगी
बता दें कि इंटर परिणामों में गड़बड़ी को लेकर तेलंगाना सरकार ने सोमवार को हाई कोर्ट में एक काउंटर दाखिल किया था। इंटर बोर्ड ने विद्यार्थियों के रीवैल्यूएशन पर हाई कोर्ट को अपने फैसले से अवगत कराया। बोर्ड ने कोर्ट से कहा कि फेल हुए 3.20 लाख विद्यार्थियों के लिए री-वेरिफिकेशन और री-काउंटिंग की जाएगी। बाद में कोर्ट ने इंटर बोर्ड को 8 मई के भीतर इससे सम्बंधित विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया। इसी बीच एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आयी है। तेलंगाना के इंटरमीडिएट बोर्ड ने तेलुगु के पर्चे में 99 अंक हासिल करने वाली 12 वीं की छात्रा को कथित तौर पर जीरो अंक दिए है। मामले में कार्रवाई करते हुए परीक्षक पर 5 हजार का जुरमाना लगाया है और संवीक्षक को निलंबित कर दिया गया है। एक विज्ञाप्ति में कहा गया कि यह बड़ी गलती है, इसलिए बोर्ड ने कार्रवाई करते हुए परीक्षक जी.उमादेवी पर 5 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है जबकि संवीक्षक (स्क्रूटिनाइजर) को निलंबित कर दिया गया है।