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पुलिस जवानों के बीच हुई मारपीट, दस दिन बीते, अफसरों की जांच अधूरी

बाणगंगा थाने का मामला : पुलिस जवानों के बीच हुई मारपीट, दस दिन बीते, अफसरों की जांच अधूरी

इंदौरApr 15, 2019 / 01:35 pm

रीना शर्मा

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पुलिस जवानों के बीच हुई मारपीट, दस दिन बीते, अफसरों की जांच अधूरी

इंदौर. पुलिस जांच की धीमी रफ्तार का उदाहरण बाणगंगा थाने में हुई मारपीट की घटना है। थाने के सीसीटीवी कैमरे में मारपीट कैद हुई। थाने का स्टाफ गवाह है, फिर भी दस दिन बाद मामला जांच में ही है। उधर, थाने में लडऩे वाले सिपाही समझौता कर सजा से बचने की जुगत कर रहे हैं।
बाणगंगा थाने में 4 अप्रैल को सिपाही विक्रम सिंह जादौन, भूपेंद्र सिंह, सौरभ सिंह, रवींद्र के बीच हाथ पाई हुई। विक्रम ने सरकारी रिवाल्वर से गोली तक चलाने की कोशिश की। मामला सामने आने के बाद एसपी पूर्व मो. युसूफ कुरैशी ने जांच के आदेश दे सीएसपी हरीश मोटवानी से प्रतिवेदन मांगा है। तब तक चारों सिपाहियों को एसपी ऑफिस अटैच किया है। जानकारी के मुताबिक अब मामले में पुलिस लीपा-पोती में लग गई है। अफसरों ने थाने के सीसीटीवी कैमरे में कैद घटना को देखा भी। थाने में मौजूद स्टाफ घटना का प्रत्यक्ष गवाह भी है। इसके बाद भी पुलिस की जांच में देरी संदेह पैदा करती है। पता चला है अब मामले में शामिल सिपाही समझौते में लगे है। घटना वाले दिन ही पुलिस अफसरों ने विक्रम व भूपेंद्र को गले मिलाकर विवाद खत्म करने की कोशिश की थी। अब समझौते का आवेदन पेश कर सजा से बचने की जुगत की जा रही है। सीएसपी हरीश मोटवानी ने कहा, मामले में हर पहलू को देखा जा रहा है।
ये था मामला

मोबाइल लूट व बाइक चोरी के कुछ संदेहियों को छोडऩे के एवज में हुए लेन देन को लेकर सिपाहियों में कहासुनी हुई। विक्रम के साथ तीनों सिपाहियों ने थाने के अंदर हेड मोहिर्रर कक्ष में मारपीट की। गुस्से में विक्रम ने रिवाल्वर निकालकर सिपाही भूपेंद्र पर तान दी। उसने गोली चलाने की भी कोशिश की लेकिन गोली नहीं चली। इसी के बाद उसने रिवाल्वर की बस से भूपेंद्र के सिर पर वार कर दिया। घायल विक्रम व भूपेंद्र का अरबिंदो अस्पताल में मेडिकल हुआ।
कैसे मिली सरकारी रिवॉल्वर

जिस रिवॉल्वर से विक्रम ने गोली चलाने की कोशिश की थी, वह सरकारी है। सिपाही को रिवाल्वर की अनुमति नहीं रहती है। रिवॉल्वर चलाने का कोर्स करने पर ही नियमानुसार रिवाल्वर दी जा सकती है। लेकिन इसमें मौखिक आदेश पर विक्रम को रिवॉल्वर जारी कर दी गई, जो कि गंभीर लापरवाही है। ये भी जांच का विषय है कि किसके आदेश पर उसे रिवाल्वर जारी की गई।

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