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इंदौर

13 साल बाद बाहर आई सीइटी में गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट

सीईटी चेयरमैन ने ही तैयार किए थे सभी विषय के पेपर, अपने छात्रों से जंचवा दी परीक्षा की कॉपियां

इंदौरApr 24, 2018 / 10:05 am

अर्जुन रिछारिया

davv
इंदौर. देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की सीइटी (कॉमन इंट्रेंस टेस्ट) के लिए दोबारा एक ही एजेंसी को ठेका दिए जाने की शिकायत राजभवन तक पहुंच गई है। इसके साथ ही १३ साल पहले हुई सीईटी की वह जांच रिपोर्ट भी सामने आ गई जिस पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि तत्कालीन सीईटी चेयरमैन ने कई विषय का अनुभव नहीं होने के बावजूद अकेले ही सभी विषय के पेपर सैट किए थे। इतना ही नहीं, उन्होंने सीईटी की कॉपियां भी विशेषज्ञों के बजाय अपने विभाग के छात्रों से जंचवाई थी।
पिछले साल सीइटी कमेटी का चेयरमैन प्रो.अनिल कुमार को बनाया गया। उन्होंने कमेटी को जानकारी में लिए बगैर ही कई फैसले लिए, जिसका खामियाजा गड़बड़ी के तौर पर यूनिवर्सिटी को भुगतना पड़ा था। इसके बावजूद इस बार भी सीइटी के लिए प्रो.कुमार को ही चेयरमैन बना दिया गया। उन्होंने सिर्फ एक ही बार कमेटी की बैठक बुलाई, जिसमें आधे विभाग से भी प्रतिनिधि शामिल नहीं हुए।
बताया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी के कई प्रोफेसरों ने प्रो.कुमार के साथ कोई जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया है। इसकी बड़ी वजह २००४ की सीइटी है। दरअसल, हाल ही में १३ साल पहले हुई सीइटी की गड़बडिय़ों की फाइल तैयार की गई है। इसमें बड़े पैमाने पर गड़बडिय़ां मिलने के सबूत हैं। सात बिंदुओं पर तैयार हुई रिपोर्ट में बताया गया कि चारों ग्रुप के सभी विषयों के पेपर डॉ. कुमार ने ही सैट किए थे। इसके लिए सभी पेपर सैट करने की राशि भी वसूल कर ली। ओएमआर पर परीक्षा कराने के बाद कॉपियां स्कैन कराकर जंचाई जाना थी, लेकिन इसमें भी बड़ी लापरवाही की गई।
गड़़बड़ी की परिभाषा नहीं पता
अनियमितता या गड़बड़ी की परिभाषा मुझे नहीं पता। कुलपति ने मुझे सीईटी कराने का जिम्मा दिया है। २००४ की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई इसका कारण मैं तो नहीं बता सकता।
– प्रो.अनिल कुमार गर्ग, सीईटी चेयरमैन
सभी सदस्यों पर भरोसा
सीईटी कमेटी के सभी सदस्यों पर हमें भरोसा है। मेरे कार्यकाल से पहले की जांच या शिकायत के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। शिकायत पर सरकार या राजभवन से कोई निर्देश मिलता है तो हम कार्रवाई करेंगे।
प्रो.नरेंद्र धाकड़, कुलपति

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