शहादत की रात को शहर के कई स्थानों से ताजिए निकलकर राजबाड़ा पहुंचे। रात ११ बजे से यह सिलसिला शुरू हुआ था जो रात ४.१५ बजे तक चला। आज मोहर्रम की तारीख १० यानी यौमे आशुरा है जिसकी नमाज अदा की जाएंगी। फिर जुमे की नमाज के बाद दोपहर तीन बजे शहर काजी व अन्य लोग हरी झंडी दिखाकर सरकारी ताजिए को इमामबाड़ा से रवाना करेंगे।
इसमें शहर के सभी अखाड़े व ताजिए सरकारी ताजिये के पीछे चलेंगे। राजबाड़ा की परिक्रमा कर यशवंत रोड, हरसिद्धी और मोती तबेला होते हुए मगरीब की नमाज के पहले कर्बला पहुंचेंगे। कर्बला में आज से तीन दिनी मेले की भी शुरुआत होगी, जिसमें शामिल होने के लिए पूरे शहर भर से मुस्लिम समुदाय के लोग पहुंचेंगे।
जुलूस मार्ग पर रास्ते भर स्वागत मंच लगाए गए हैं, जहां कई समाजसेवी संगठन व नेता स्वागत करेंगे। इधर, बड़े आयोजन को देखते हुए जिला प्रशासन व पुलिस के सभी अफसरों की चप्पे चप्पे पर ड्युटी लगाई गई है।
अफसर रखेंगे निगाह मोहर्रम के जुलूस और कर्बला मैदान पर होने वाले तीन दिनी मेले को लेकर कलेक्टर निशांत वरवड़े ने अपनी टीम की ड्यूटी लगा दी। आज निकलने वाले जुलूस के लिए एसडीएम सुनिल झा को इमामबाड़े से मच्छी बाजार चौराहे व जवाहर मार्ग व्यवस्था का प्रभारी बनाया गया। एसडीएम रवीश श्रीवास्तव को मच्छी बाजार से कलेक्टोरेट तक, एसडीएम रविकुमार सिंह को कलेक्टोरेट से कर्बला मैदान और एसडीएम रोहन कनाश को दरगाह चौकी व नृसिंह बाजार तक की जिम्मेदारी सौंपी गई।
इधर, कर्बला मैदान पर लगने वाले जुलूस में संपूर्ण कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी एसडीएम शाश्वत शर्मा को दी गई। आज शाम ५ से रात १२ बजे तक एसडीएम रोहन कनाश व तहसीलदार सुदीप मीणा मौजूद रहेंगे। २२ सितंबर को दोपहर १२ बजे से ६ बजे तक एसडीएम रवि कुमार तो शाम को ६ से रात १२ बजे तक मनीष श्रीवास्तव व्यवस्था संभालेंगे। २३ सितंबर तहसीलदार सुदीप मीणा मौजूद रहेंगे।
शिया समाज का निकलेगा मातमी जुलूस कर्बला की लड़ाई में शहीद हुए हुसैन की याद में शिया समाज आज मातमी जुलूस निकालेगा। यह जुलूस छत्रीबाग दरगाह चौराहे से शुरू होकर छत्रीपुरा थाना, प्रताप प्रतिमा होते हुए कर्बला मैदान पहुंचेंगे। शिया समाज के लोग काले कपड़े पहने और नंगे पैर रहेंगे और मातम करेंगे।
कर्बला पहुंचने के बाद में ताजिए को आधे घंटे में दफन कर दिया जाएगा। यह डेढ़ सौ साल से परंपरा है। वहीं, समाज ने फाका (उपवास) भी रखा है। कर्बला से लौटने के बाद में नमाज होगी और उसके बाद फाका तोड़ा जाएगा।