पिछले दिनों हाई कोर्ट के जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला ने तीनों की अग्रिम जमानत खारिज कर निचली कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे। पुलिस को मामले में विस्तृत जांच के भी आदेश दिए। एडवोकेट पीयूष जैन ने बताया, मूल रूप से जबलपुर में रहने वाले अमित श्रीवास्तव की वहीं की भावना पांडे से २०१० में शादी हुई थी। इसी वर्ष अमित मां के निधन के बाद नौकरी के चलते पिता विनाद श्रीवास्तव को इंदौर ले आया था। २०१७ में उसे पिता के साथ कुछ गलत होने और घर में उनके खिलाफ षड्यंत्र का संदेह हुआ। सॉफ्टवेयर इंजीनियर अमित ने गोपनीय तरीके से पत्नी भावना, सास कांति पांडे और ***** के मोबाइल में विशेष सॉफ्टवेयर डाल दिया। इससे तीनों जो बात करती थीं वह अमित सुन लेता था। वह तब हैरान रह गया जब पता चला तीनों पिता को खाने में पारद की टिकड़ी पीसकर डाल देती थीं, जिससे उनकी तबीयत लगातार खराब हो रही थी। अमित ने तिलक नगर थाने में शिकायत की। जांच के बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी। इस दौरान तीनों जबलपुर भाग गई थीं। नवंबर २०१८ में वहां गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने वहां की कोर्ट में पेश किया था। कांति की बीमारी सहित अन्य तर्क पर उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई। हाल ही में पुलिस ने जमानत निरस्ती का आवेदन पेश किया था, अमित की ओर से भी आपत्ति ली गई। तर्कों से सहमत होकर कोर्ट ने अग्रिम जमानत निरस्त कर कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं।