VIDEO : आचार्यश्री विद्यासागर की तबीयत नासाज, पांव में छाले और घुटने में दर्द से विहार रुका
इंदौर. आचार्यश्री विद्यासागर की तबीयत नासाज होने और पांव में छाले फूटने से बलवाड़ा से शुरू हुआ विहार बीच में ही रोकना पड़ा। घुटने में दर्द होने से घाट चढऩे में परेशानी के चलते सोमवार को 8 किमी दूर ग्वालू की जगह 4 किमी पर ही रात्रि विश्राम किया।
सुबह से ही इंदौर और आसपास के लोगों का बलवाड़ा पहुंचना शुरू हो गया था। आहारचर्या के बाद आचार्यश्री के दर्शन के अभिलाषी उनके आने का इंतजार करते रहे, लेकिन सूचना आई कि उनकी तबीयत नासाज होने से आमजन के समक्ष नहीं आ सकेंगे। बलवाड़ा के सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल की छत पर उनके धूप में बैठने का इंतजाम किया। जैसे ही समाजजनों की इसकी सूचना लगी तो वे छत के नीचे एकत्र होने लगे और दर्शन किए। इस दौरान आचार्यश्री ने न तो किसी से बात की और न ही किसी तरह की मुलाकात हुई। कुछ ही देर बाद आचार्यश्री सामायिक में छत पर ही बैठ गए। बड़ी संख्या में बलवाड़ा पहुंचे समाजजन ने उनके विहार तक इंतजार किया। दोपहर 1.25 बजे जैसे ही विहार शुरू हुआ, समाजजन उनके साथ चल दिए।
पहली बार झोपड़ीनुमा घेरे में विहार मौसम की अनुकुलता नहीं होने व तबीयत नासाज होने से पहली बार विहार में आचार्यश्री झोपड़ीनुमा घेरे में निकले। चारों तरफ से पारदर्शी शीट और ऊपर त्रिपाल लगाई गई थी। झोपड़ी नुमा घेरे में आचार्यश्री अपने संघ के साथ विहार पर निकले।
पहले घाट पर ही रुका विहार आचार्यश्री जैसे ही पहले घाट पर पहुंचे। घुटने में दर्द बढऩे से वहीं बैठ गए। कुछ देर विश्राम के बाद आगे बढ़े, पैर में छाले फूटने से चलना मुश्किल हो गया। विहार की ग्वालू में रात्रि विश्राम की व्यवस्था थी, लेकिन घाट के पास एक मकान में रात्रि विश्राम करना पड़ा। ब्रह्मचारी सुनील भैयाजी ने बताया, आचार्यश्री की तबीयत गड़बड़ है। घुटने में दर्द व पांव के छाले भी फूटने से विहार रोक रात्रि विश्राम कर दिया गया।