इंदौर में सबसे ज्यादा आयकर जमा कराने वालों में एक नाम संजय शुक्ला का भी है। बड़े कारोबार और आत्मरक्षार्थ उन्होंने 17 जुलाई 2017 को जिला प्रशासन को रिवॉल्वर का लाइसेंस देने का आवेदन किया था। दस्तावेजी खानापूर्ति करने के बाद में आवेदन पर एडीएम अजय देव शर्मा ने मल्हारगंज एसडीएम से रिपोर्ट मांगी।
कहा गया कि आवेदक के निवास स्थान, उसके रहन-सहन की स्थिति, उसकी चल-अचल संपत्ति की स्थिति व खेती की जमीन की जानकारी और उसके खिलाफ किसी शासकीय व अशासकीय संस्था की बकाया अर्थात किसी बैंक लोन बाकी होने की जानकारी एकत्र करके दी जाए। 30 दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था।
इस पर जब फाइल तहसीलदार के पास पहुंची तो शुक्ला ने सारे दस्तावेज इकट्ठा करके दे दिए। उसके बाद तहसीलदार के यहां से भी रिपोर्ट तैयार करके एसडीओ के यहां भेज दी गई। बाद में वह अचानक गायब हो गई।
शुक्ला भी अपने चुनाव अभियान में लगने के बाद इस ओर ध्यान नहीं दे पाए। विधायक बनने के बाद उन्होंने जब अफसरों से लाइसेंस की स्थिति जानी तो फाइल की तलाश शुरू हुई, जिस पर हड़कम्प मच गया। फाइल न तहसीलदार के पास थी, न एसडीओ कार्यालय पर और न ही उसके बाद एडीएम कार्यालय पर जमा करवाई गई।
काफी मशक्कत के बाद शुक्ला को गलती होने की जानकारी दी गई। कहा गया कि वे फिर से दस्तावेज दे दें, तुरंत फाइल आगे बढ़ा दी जाएगी। शुक्ला ने सहजता से पूरे दस्तावेज फिर उपलब्ध करवा दिए। उस पर मंगलवार को तहसीलदार ने रिपोर्ट बनाकर सौंप दी।
कोर्ट ने दिया था आदेश
गौरतलब है कि शुक्ला ने पूर्व में भी शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, लेकिन आवेदन को लंबित रख दिया गया। इस पर शुक्ला ने हाई कोर्ट में याचिका लगा दी थी, जिस पर जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए। कहा गया कि मामले का तुरंत निराकरण करें। उसके बाद फाइल ने गति पकड़ी और बाद में गायब भी हो गई।