दिल्ली से लौटने के बाद कल लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने निगम आयुक्त सिंह को अपने निवास पर बुलाया। महाजन निगम द्वारा जारी किए गए संपत्ति कर के पुननिर्धारण नोटिसों को लेकर नाराज थी। चर्चा के दौरान उन्होंने संपूर्ण प्रकरण की जानकारी ली। ताई का कहना था कि पूरी प्रक्रिया पर पुनर्विचार की जरूरत है। हजारों की संख्या में निगम ने ऐसे नोटिस जारी किए हैं जिससे माहौल खराब हो रहा है।
नोटिस देने के पहले निगम ने इनके मकानों का फिजिकल वैरीफिकेशन भी नहीं करवाया है। पूरी प्रक्रिया में आम आदमी को विश्वास में लेकर ही काम करना चाहिए। सिंह का कहना था कि पिछले दिनों निगम ने पूरे शहर का जीआईएस सर्वे कराया है।
इसमें मकानों का वास्तविक क्षेत्रफल मालूम पड़ा। निगम ने इस पर उन लोगों को नोटिस दिया। वर्तमान संपत्तिकर के क्षेत्रफल का सर्वे में दस प्रतिशत से ज्यादा का अंतर आया है। नोटिस के पहले मकानों का फिजिकल सर्वे भी करवा रहा है। दोनों क्षेत्रफलों के अंतर के संपत्ति कर की राशि जमा कराई जा रही है। नोटिस में जवाब का प्रावधान है।
जवाब के हिसाब से जो अंतर नहीं पाया तो नोटिस खुद ब खुद समाप्त हो जाएगा। महाजन का कहना था कि निगम को इसके लिए निवारण सेल का गठन करना चाहिए जिसमें डिप्टी कमिश्नर स्तर के उच्च अधिकारी सुनवाई करें। किसी भी स्थिति में जनता प्रताडि़त नहीं होना चाहिए। गौरतलब है कि नोटिस के संबंध में पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता ने जानकारी दी थी। इस संबंध में गुप्ता भी एक प्रतिनिधि मंडल लेकर महापौर मालिनी गौड़ से चर्चा करेंगें।