पीएससी की इस परीक्षा पर रविवार से ही विवाद खड़ा हो गया था। इसके प्रश्न में भील जनजाति को लेकर आपत्तिजनक गद्यांश शामिल कर लिया गया था, जिससे पीएससी की किरकिरी हुई थी। राजनीतिक पार्टियों द्वारा किए गए विरोध के बाद पीएससी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे और विवादित पांच प्रश्नों को विलोपित करने के भी आदेश दिए थे। बुधवार को जारी आंसरशीट में भी उन प्रश्नों को डिलिट दर्शाया गया है। पीएससी ने 540 पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा 2019 कराई थी। इसमें 3 लाख 66 हजार 400 परीक्षार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, 88.22 फीसदी विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे।
पीएससी पदाधिकारियों पर एट्रोसिटी एक्ट में केस भील जनजाति को लेकर आपत्तिजनक गद्यांश पर बुधवार को अजाक थाने में पीएससी पदाधिकारियों पर एट्रोसिटी एक्ट में केस दर्ज किया गया। जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) और रवि बघेल की शिकायत पर अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अधिनियम की धारा 3 (1) (द) व 3 (1)(यू) के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस पीएससी से जानकारी लेने के बाद आगे कार्रवाई करेगी। रवि बघेल निवासी न्यू रानीबाग और साथी जयस से जुड़े हैं।
उन्होंने अजाक थाने में की गई अपनी शिकायत में कहा, मप्र राज्य सेवा परीक्षा 2019 के द्वितीय सत्र के सामान्य अभिरुचि परीक्षण (सी-सेट) के प्रश्न पत्र में भील जनजाति से संबंधित गद्यांश में आपत्तिजनक बातें लिखकर समाज के लोगों को अपमानित किया गया। एजाक एसपी अरविंद तिवारी के मुताबिक, फरियादी व साथियों की शिकायत पर एट्रोसिटी एक्ट में केस दर्ज कर जांच शुरू की है। डीएसपी कैलाशचंद्र मालवीय मामले की जांच करेंगे।