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इंदौर

भय्यू महाराज आत्महत्या: जांच के दौरान आयुषी और निवेश ने छिपाई थी जानकारी

– सीएसपी पल्लवी शुक्ला का जिला कोर्ट में दिनभर चला प्रतिपरीक्षण
– घर के डीवीआर की तो जांच हुई, लेकिन महाराज की दवाइयों की फॉरेसिंक से नहीं कराई गई जांच
 

इंदौरNov 12, 2021 / 04:01 pm

विकास मिश्रा

भय्यू महाराज आत्महत्या: जांच के दौरान आयुषी और निवेश ने छिपाई थी जानकारी

भय्यू महाराज आत्महत्या: जांच के दौरान आयुषी और निवेश ने छिपाई थी जानकारी

इंदौर. प्रदेश के चर्चित भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में गुरुवार को जिला कोर्ट में करीब पांच घंटे तक सुनवाई चली। मामले की जांच करने वाली सीएसपी पल्लवी शुक्ला का आरोपियों के वकीलों ने प्रतिपरीक्षण किया। उन्होंने बताया, अनुसंधान के दौरान महाराज की दूसरी पत्नी आयुषी और निवेश बडज़ात्या ने प्रारंभिक बयान में कई जानकारियां छिपाई थीं। लेकिन, घटना के करीब 6 महीने बाद जब दोबारा बयान लिए गए तब नई जानकारियां सामने आई थीं और तीन आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी। शुक्ला ने यह भी कहा कि पुलिस को गुमराह करने के मामले में ऐसे गवाहों के खिलाफ भी कार्रवाई करने का प्रावधान है। पल्लवी ने यह भी बताया, महाराज के घर से घटना के बाद सीसीटीवी कैमरों से जुड़ी डीवीआर, मोबाइल सहित महाराज की दवाइयां भी जब्त की गई थीं, डीवीआर और मोबाइल तो जांच के लिए फॉरेंसिक विभाग को भेजे थे, लेकिन दवाइयां नहीं दी गई थी। महाराज के पीआरओ शेखर शर्मा के बयान भी लिए गए थे। इसमें उन्होंने बताया था, आयुषी और कुहू के बीच विवाद के कारण महाराज तनाव में रहते थे। एक बार आयुषी ने गुस्से में अपने हाथ की नस भी काट ली थी। हालांकि, घटना के करीब 6 महीने बाद केस दर्ज करने में हुए विलंब को लेकर सीएसपी शुक्ला कोई कारण नहीं बता सकी हैंं। उन्होंने बताया, इस केस की जांच में शुक्ला से पहले तीन सीएसपी को जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जो सभी उनसे वरिष्ठ थे। केस मिलने के पांच दिन बाद ही उन्होंने महाराज के सेवर शरद, पलक और विनायक के खिलाफ केस दर्ज किया था। मालूूम हो 12 जन 2018 को महाराज ने अपने घर में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ 18 जनवरी 2019 को केस दर्ज किया गया था। इस दौरान पुलिस ने 100 से अधिक लोगों के बयान लिए थे। मामल में शुक्रवार को फिर सुनवाई होगी। पुलिसकर्मी श्याम सिंह तंवर और हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के बयान होंगे।

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