बंगाल से आए मीनल दत्ता बताते है कि बंगाली मिठाई असानी से नहंी बनती। इसके लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है। इन मिठाईयों को स्वादिष्ट बनाने के लिए खजूर के पेड़ से निकलने वाले रस को एकत्रित करते है। एकत्रित करने के लिए रातभर पेड़ो पर मिट्टी के बर्तन लटकाएं जाते है। फिर सर को जलाकर गुड़ तैयार किया जाता है। यह प्रोसेस इस लिए खास है कि यह रस सिर्फ ठंड के मौसम में निकलता है। इनसे बना गुड ५०० रुपए किलो तक बिकता है। इतना होने के बाद ही तैयार की जाती है स्वादिष्ट मिठाईयां। हमारे पास वैसे तो कई मिठाईयां है लेकिन इनमें बंगाली खीर और पार्टी सब्दा खास है।
यह मिठाई भी गुड़ से बनती है। इसे बनाने के लिए दूध, गुड़ और चावल का आटा लें। मिक्स कर पराठें के तरह बना लें। ऊपर से खोपरा ड़ालें। और सेक लें। फिर सर्व करें।। इसे शुगर पेशेंट्स भी खा सकते है। देशी गुड़ होने के कारण शुगर पेशेंट्स को नुकसान नहीं होता है।
खासतौर कमेटी द्वारा बुलाए गए बंगाल के कारीगर में नारायण दास भी शामिल है। वे बताते है कि हमारे पास सभी नॉनवेज आइटम्स है। क्योकि बंगाल में नॉनवेज ज्यादा खाया जाता है। लेकिन नास्तें में वेज होता है। इसके लिए हम पोहे नहीं बल्कि बैगन और गोभी के आइटम्स बनाते है। जैसे बंैगुनी परमल। इसे बनाने के लिए बैंगन को बीच से काट लें। उसे बेसन के घोल में लपेटकर नमक, पीसी मिर्च, हल्दी डालें। और तल लें। फिर परमल के साथ सर्व करते है। इसी तरह गोभी के पकोड़े भी नाश्तें में ले सकते है। यहां हेल्दी नाश्ता होता है।