निगम ने बताया कि 22 करोड़ की लागत से १०० मीट्रिक टन क्षमता का प्लांट बनाया जा रहा है। इसमें सीवरेज के चैंबरों से निकलने वाली गाद से खाद बनाने की योजना है। इसके लिए वे भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर से तकनीक प्राप्त करना चाहते हैं। रिसर्च सेंटर द्वारा इस प्लांट के लिए तकनीकी सहयोग देने पर सहमति जताई गई है। इसके साथ ही अब इस प्लांट का आकार लेना सुनिश्चित हो गया है। यह प्लांट मध्यप्रदेश में अपनी तरह का पहला प्लांट होगा। इसके माध्यम से तैयार होने वाली खाद का विक्रय कर निगम राजस्व अर्जित करेगा।