दो माह पहले जिला अस्पताल की इमारत को डिस्मेंटल करने के लिए खाली कर उसका सामान पीसी सेठी अस्पताल भेज दिया गया था। भूमिपूजन सितंबर 2018 में हुआ था, नौ माह बाद भी अस्पताल की एक र्इंट तक नहीं हिली है, यह आगे चलकर परेशानी बनेगा क्योंकि प्रोजेक्ट की लागत लेटलतीफी से बढ़ सकती है।
बिना आईसीयू का जिला अस्पताल वर्षों से जिला अस्पताल दूध डेरी के भवन में संचालित हो रहा था। प्रदेश के 51 जिलों में सबसे बुरी स्थिति में जिला अस्पताल था। प्रदेश की औद्योगिक राजधानी होने के बावजूद शहर के जिला अस्पताल में आईसीयू तक नहीं था। तीन माह से यहां सिर्फ ओपीडी लग रही है। स्थानीय अधिकारियों ने गर्भवती महिलाओं का इलाज भी बंद कर दिया था, लेकिन विरोध हुआ तो वापस इलाज शुरू किया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जिला अस्पताल शुरू करने का काम किया। यहां का सारा सामान, कबाड़ सहित पीसी सेठी अस्पताल भेज दिया गया।
एमटीएच अस्पताल में आई थी परेशानी जिला अस्पताल का काम देरी से शुरू होने के कारण एमटीएच अस्पताल की तरह परेशानी आ सकती है। यहां काम जितना लेट शुरू होगा, प्रोजेक्ट की लागत बढ़ती जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने पीआईयू को इसका काम करवाने के लिए कहा है, लेकिन अब तक जिला अस्पताल की पुरानी इमारत को खाली होने के बावजूद डिस्मेंटल नहीं किया गया है। जब तक पुरानी इमारत नहीं गिराई जाएगी, नई इमारत नहीं बनाई जा सकती।