जोनल कार्यालयों पर अधिकतर मस्टर और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति कर्मचारी नेताओं द्वारा करवाई गई थी। निगम में इनकी नौकरी पार्षदों के वार्ड में माली, ड्राइवर, पेंशन आदि विभागों में दर्शाई गई। इनमें से कई पार्षदों के निजी स्टाफ के तौर पर काम कर रहे थे। ये हाजिरी भी जोनल कार्यालय पर लगाते थे। पार्षदों का कार्यकाल खत्म होते ही निगम ने इन्हें वापस बुलाने का निर्णय लिया है। निगम मुख्यालय से सभी जोनल अधिकारियों को आदेश जारी कर नेताओं के पास नौकरी कर रहे कर्मचारियों की सूची बनाने और उनकी पूरी जानकारी भेजने को कहा है। निगम इन लोगों को उन्हीं वार्ड में वसूली में लगाएगा। निगमायुक्त आशीषसिंह के मुताबिक, कर्मचारियों को पार्षद के स्टाफ के तौर पर नियुक्ति संबंधी कोई आदेश जारी नहीं किए गए। पार्षदों के पास काम कर रहे निगम कर्मचारियों की पूरी जानकारी जोनल अधिकारियों से मांगने के साथ इन सभी को वसूली में लगाना तय किया है।