8 बार की सांसद व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन का टिकट काटकर भाजपा ने लालवानी को टिकट दिया था। घोषणा से पहले ही उनके नाम का खुलासा भी हो गया, जिस पर कई नेताओं ने खुलकर विरोध भी किया। इसके बावजूद टिकट की घोषणा हुई और लालवानी 5 लाख 47 हजार 740 वोटों से चुनाव जीते।
लालवानी को देश में सबसे ज्यादा वोट मिले तो जीत के आंकड़े के हिसाब से वे 12 नंबर पायदान पर जा पहुंचे। उनकी जीत ने दिल्ली में बैठे शीर्ष नेतृत्व को हिलाकर रखा हुआ है। वो जानना चाहता है कि जिस के टिकट का विरोध हुआ था, वहां ऐसे परिणाम का कारण क्या है।
ऐसा कौन सा अभियान व गतिविधि चुनाव के पहले व चुनाव के समय चलाई गई, जिसका पार्टी को फायदा मिला। इसके अलावा भी क्या समीकरण बैठे जिससे पार्टी को फायदा मिल गया। इन सभी बातों का शोध करने के लिए भाजपा का शीर्ष संगठन एक प्रतिनिधि मंडल जल्द ही इंदौर भेजने वाला है। इसके लिए संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा से संपर्क किया गया था।
इकट्ठा किया जाएगा डाटा, सारे गणित समझेंगे
इंदौर आने वाली टीम हर बारीक पहलू पर विचार करेगी ताकि भविष्य में अन्य जगहों पर भी इस फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जा सके। टीम पता लगाएगी कि किस-किस उम्र के कितने मतदाता हैं, महिलाएं कितनी हैं तो पुरुषों की संख्या कितनी है?
इंदौर आने वाली टीम हर बारीक पहलू पर विचार करेगी ताकि भविष्य में अन्य जगहों पर भी इस फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जा सके। टीम पता लगाएगी कि किस-किस उम्र के कितने मतदाता हैं, महिलाएं कितनी हैं तो पुरुषों की संख्या कितनी है?
जातिगत समीकरण को भी समझा जाएगा, जिसमें बूथों का विश्लेषण होगा। साथ में संगठन की सारी गतिविधियों की भी जानकारी ली जांगी जिसकी वजह से कार्यकर्ताओं में जोश और चुनाव में माहौल बना और थोकबंद वोट मिले।