राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अपना मातृ संगठन मानने वाली भाजपा में अनुशासन सर्वोपरि है। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष के सामने नगर अध्यक्ष का अपनी ही कार्यकारिणी के सदस्य व उद्योगपति हेमंत नेमा से विवाद और बाद में समर्थकों द्वारा मारपीट का मामला तूल पकड़ गया है। मामले में चौहान से भी सवाल किए गए कि वे नेमा को गाड़ी में बैठाकर कैसे घूम रहे हैं। इन सभी बातों को प्रदेश भाजपा के संगठन मंत्री सुहास भगत ने गंभीरता से लिया है। कार्रवाई को लेकर मंथन भी शुरू हो गया है, इससे प्रबल संभावनाएं बन रही हैं कि शर्मा को हटाया जा सकता है। स्थानीय विधायक व अन्य नेताओं ने भी अप्रत्यक्ष तौर पर शर्मा को ही कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया।
शर्मा की कुर्सी पर संकट के बादल छा रहे हैं। शर्मा-नेमा विवाद दिल्ली तक पहुंच गया है, जिसके चलते शर्मा को अध्यक्ष बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व संगठन महामंत्री अरविंद मेनन भी सक्रिय हो गए हैं। बताया जाता है कि उन्होंने इंदौर में समर्थकों से फोन पर चर्चा की है। इशारा किया है कि कैसे भी करके मामले को ठंडा करेंं ताकि संकट को टाला जा सके। मेनन का फोन आने के बाद समर्थकों की मजबूरी बन गई है कि वे खामोश रहें…समर्थन नहीं करें तो विरोध भी नहीं करें। मेनन चाहते हैं कि विधानसभा चुनाव तक शर्मा कुर्सी पर काबिज रहे।
खत्म नहीं हो रहा मोह
आज भी मप्र में कई जिलों में मेनन के कट्टर समर्थकों के हाथ में जिला संगठन की कमान है। वहीं, वे बिलकुल नहीं चाहते हैं कि इंदौर जैसे शहर में उनके समर्थक के हाथ से कमान जाए। वे प्रदेश के मामले में हस्तक्षेप करते रहते हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के प्रदेश दौरे के वक्त भी तीन दिन पहले आकर बैठ गए थे।
आज भी मप्र में कई जिलों में मेनन के कट्टर समर्थकों के हाथ में जिला संगठन की कमान है। वहीं, वे बिलकुल नहीं चाहते हैं कि इंदौर जैसे शहर में उनके समर्थक के हाथ से कमान जाए। वे प्रदेश के मामले में हस्तक्षेप करते रहते हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के प्रदेश दौरे के वक्त भी तीन दिन पहले आकर बैठ गए थे।
किसी से नहीं मिले चौहान
भेरूलाल पाटीदार की पुण्यतिथि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चौहान आए थे। चौहान के आने की खबर लगने के बाद नगर भाजपा के पदाधिकारियों को बायपास पर इक_ा होने का संदेश दिया गया था ताकि उनके सामने वे शर्मा का पक्ष रख सके । इस बात की जानकारी चौहान को लग गई थी, जिसके चलते वे ज्यादा देर नहीं रुके। बताते हैं कि चौहान व नेमा के बहुत अच्छे संबंध हैं और घटना से वे खासे आहत भी हैं।