16 शैक्षणिक विभाग में संचालित 41 कोर्स की 2515 सीट सीईटी में शामिल की गई है। इस साल करीब 14 हजार विद्यार्थियों ने सीईटी दी लेकिन, मेरिट के आधार पर मौका देने की वजह से करीब 5400 विद्यार्थी ही सीईटी में दावेदारी कर सकें। तीनों ग्रुप के प्रमुख कोर्स की सीटें करीब-करीब फुल हो चुकी है जबकि कुछ कोर्स में आधी से ज्यादा सीट अभी भी खाली है। पहले चरण की काउंसलिंग के बाद खाली रहने वाली सीट के लिए दूसरे दौर की काउंसलिंग होगी। पहले चरण में अलॉटमेंट पाने वालों को 16 अक्टूबर तक फीस जमा करना जरूरी है। जो विद्यार्थी फीस जमा नहीं करेंगे उनकी सीट खाली मानते हुए अगले चरण की काउंसलिंग में शामिल कर ली जाएगी। 18 अक्टूबर को सीईटी कमेटी की बैठक होगी और इसी दिन हर ग्रुप के सभी कोर्स की खाली सीटों की संख्या जारी की जाएगी। इसके बाद 20 अक्टूबर से काउंसलिंग के रजिस्ट्रेशन की लिंक खुलेगी जिसमें वे उम्मीदवार भी हिस्सा ले सकेंगे जो पहले चरण में रजिस्ट्रेशन कराने से चूक गए थे।
…तो सीएलसी पर भी होगा विचार
…तो सीएलसी पर भी होगा विचार
दो चरण की काउंसलिंग के बाद भी अगर किसी कोर्स में सीट खाली रहती है तो उस पर दाखिले के लिए विभाग स्तर पर ही सीएलसी कराने पर विचार किया जा सकता है। इसमें सीईटी देने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। सीईटी कमेटी के चेयरमैन डॉ.कन्हैया आहूजा ने बताया, सीईटी काउंसलिंग के पहले चरण की रिपोर्टिंग शुरू हो चुकी है। 18 अक्टूबर की बैठक के बाद अगले चरण की काउंसलिंग की घोषणा की जाएगी।