Indore News : मुख्यमंत्री संजीवनी अस्पताल कछुआ चाल
इंदौर. शहर में मुख्यमंत्री संजीवनी अस्पताल खोले जाना हैं। यह काम कछुआ चाल चल रहा है, क्योंकि अभी तक 85 में से 56 जगह ही चिह्नित हो पाईं हैं। साथ ही टेंडर न बुलाने से निर्माण कार्य में देरी अलग होगी। यह काम नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग मिलकर कर रहे हैं। अफसरों ने दावा किया था कि सबसे पहले शहर में उन 25 स्थानों पर अस्पताल खोल दिए जाएंगे, जहां सरकारी भवन या फिर छोटे स्वास्थ्य केंद्र हैं। यह दावा भी फेल हो गया। दरअसल, अस्पताल बस्तियों के आसपास खोले जाएंगे, ताकि जनता को लाभ मिल सके।
साफ-सफाई के साथ ही अब इंदौर स्वस्थ इंदौर की तर्ज पर आगे बढ़ रहा है। आमजन को इलाज के लिए दूर अस्पतालों का रुख नहीं करना पड़े, इसके लिए उनकी बस्ती और क्षेत्र में ही मोहल्ला क्लिनिक की तर्ज पर मुख्यमंत्री संजीवनी अस्पताल खोले जाना हैं। शहर के 85 वार्डों में ये अस्पताल खुलना हैं। इसके लिए खाली जमीन या फिर भवन चिह्नित करने के लिए जोनल अफसरों को 24 अप्रैल को निर्देशित किया गया था। इन्हें अपने-अपने जोन क्षेत्र में जगह चिह्नित कर रिपोर्ट तीन दिन में देने को कहा था, लेकिन आज 24 दिन से ज्यादा हो गए और 85 वार्डों में से 56 जगह ही चिह्नित हो पाईं। इसके अलावा अभी जो संजीवनी अस्पताल और छोटे स्वास्थ्य केंद्र खुले हुए हैं, उनकी हालत की जानकारी भी मांगी गई पर आई नहीं। वर्तमान में अस्पताल की क्या स्थिति है और उनमें काम की क्या जरूरत है, इसकी पूरी रिपोर्ट जोनल अफसरों को देना है, जिसको लेकर लेटलतीफी बरती जा रही है।
इधर, मामले में निगम अफसरों का कहना है कि संजीवनी अस्पताल खोलने की प्रक्रिया चल रही है। अभी जो 56 जगह चिह्नित की गई हैं, वहां पर निर्माण को लेकर टेंडर जारी करने की तैयारी है। जो भवन चिह्नित किए हैं, वहां जल्द ही अस्पताल शुरू होंगे। गौरतलब है कि शहर में 25 हजार की आबादी और गरीब बस्तियों के बीच ये अस्पताल आकार लेंगे। यहां सभी प्रकार के उपचार के साथ जांच की सुविधाएं भी होंगीं। अगर कोई बस्ती बड़ी हुई तो वहां दो ओपीडी खोली जाएंगीं। इंदौर में 85 अस्पतालों के लिए जमीन तलाशने और निर्माण की जिम्मेदारी निगम को सौंपी गई, लेकिन अफसरों के काम करने की चाल धीमी होने से देरी हो रही है।
एक अस्पताल पर 25 लाख शहर में फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की अलग-अलग क्षेत्र में 34 स्वास्थ्य सेवाएं यानी डिस्पेंसरी व अन्य इकाई कार्यरत हैं। इनके अलावा 85 संजीवनी क्लिनिक खोले जाने की तैयारी है। इनके लिए निगम को स्वास्थ्य विभाग में शहर में चल रही डिस्पेंसरियों की सूची उपलब्ध करवा दी है। शहरी स्वास्थ्य मंत्रालय ने 15वें वित्त आयोग के माध्यम से एक क्लिनिक उन्नयन के लिए 25 लाख रुपए की राशि भी उपलब्ध कराई है। निगम ने दावा किया था कि संजीवनी क्लिनिक के लिए पहले निकाय के स्वामित्व अथवा किसी शासकीय विभाग के स्वामित्व के रिक्त या उपलब्ध भवन की तलाश कर इनकी मरम्मत या उन्नयन कर अस्पताल खोल दिया जाएगा। 25 जगहों पर ऐसा करने का दावा किया गया, लेकिन आज तक एक भी अस्पताल नहीं खुला।
ये सुविधाएं मिलेंगीं… एनएचएम के अधिकारियों की मानें तो अर्बन हेल्थ प्रोग्राम को मजबूती देने के लिए मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक खोले जा रहे हैं। इनमें सुबह 10 से शाम 6 बजे तक इलाज की सुविधा मिलेगी। इन क्लिनिक में एएनसी (गर्भावस्था पंजीयन व जांच), ईएनटी, शिशु रोग, टीकाकरण सहित करीब एक दर्जन प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगीं। प्रत्येक केंद्र पर डॉक्टर, नर्स, लैब तकनीशियन, फार्मासिस्ट और चपरासी सहित लगभग पांच व्यक्तियों के स्टाफ की आवश्यकता होगी। यह स्टाफ या तो अनुबंध के आधार पर भर्ती किया जाएगा या स्वास्थ्य विभाग के मौजूदा कर्मचारियों से या मेडिकल कॉलेज से तैनात किया जाएगा।
Home / Indore / Indore News : मुख्यमंत्री संजीवनी अस्पताल कछुआ चाल