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इंदौर

बच्चों के दिमाग पर असर डाल रहा थायरॉइड

– विश्व थायरॉइड दिवस पर शहर में लगेगा नि:शुल्क जागरूकता शिविर
 

इंदौरMay 24, 2019 / 11:19 am

Lakhan Sharma

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इंदौर।
दुनिया भर में बच्चों में मानसिक विक्षिप्तता का सबसे बढ़ा कारण है थायरॉइड। भारत में हर 2400 नवजात शिशुओं में से एक को जन्म से थायरॉइड हार्मोन की कमी पाई जाती है। वहीं 85 प्रतिशत नवजात शिशुओं में थायरॉइड के लक्षण न दिखने पर भी थायरॉइड हार्मोन की कमी होती है। यदि सही समय पर इसकी जांच और इलाज हो जाए तो बच्चों में सामान्य बुद्धिमत्ता के स्तर को बनाए रखा जा सकता है। विदेशों में नवजात शिशु की थायरॉइड की जांच कराई जाती है, जिसे थायरॉइड स्क्रीनिंग कहा जाता है। हमारे देश में अधिकांश जगहों पर इस तरह की जांच नहीं होती।

– नि:शुल्क जागरुकता शिविर

इसी बात को ध्यान में रखते हुए लोगों में थायरॉइड के प्रति जागरुकता लाने के उद्देश्य से, विश्व थायरॉइड दिवस के उपलक्ष्य में 26 मई को सुबह 8 से 10 बजे तक आनंद बाजार स्थित प्रो सेनेटस जिम में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन इंदौर चेप्टर और टीम रेडिएंस द्वारा एक नि:शुल्क जागरुकता शिविर लगाया जाएगा। यहां 200 से ज्यादा लोगों की न्यूनतम दरों पर थायरॉइड की जांच के साथ ही हार्मोन रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप जुल्का द्वारा थायरॉइड से जुड़ी भ्रांतियों का निवारण किया जाएगा। यहां डाइटीशियन थायरॉइड में लिए जाने वाले आहार और दिनचर्या को लेकर भी सुझाव देंगे।

– व्यायाम नहीं कर पाने वालों को भी मिलेगी टिप्स
फिजियोथेरेपिस्ट और एक्ससरसाइज एक्सपर्ट्स की टीम वजन कम करने में उपयोगी फिजिकल एक्टिविटीज की जानकारी देंगी और जो महिला या पुरुष काम की व्यस्तता के कारण व्यायाम नहीं कर पाते उनके लिए एक्सपर्ट्स की टीम व्यस्तता के बीच फिटनेस को मेंटेन रखने के टिप्स भी देगी। हमारे शरीर में गर्दन के निचले हिस्से में तितली के आकार की थायरॉइड ग्रंथि होती है। इसका काम शरीर के लिए थायरॉइड हार्मोन बनाना, संग्रह करना और उसे रक्त में पहुंचना होता है। यह हार्मोन हमारे शरीर की लगभग सभी क्रियाओं को नियंत्रित करता है। शरीर में थायरॉइड हार्मोन की मात्रा कम होने की स्थिति को हाइपोथायरॉइडिस्म और थायरॉइड हार्मोन अधिक होने को हाइपरथाइरॉइडिस्म कहा जाता है। जन्म से थायरॉइड हार्मोन की कमी मानसिक विक्षिप्तता का सबसे बढ़ा कारण है पर इसे नियमित इलाज और दवाइयों के जरिए ठीक किया जा सकता है।

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