पंजीयन विभाग के अनुसार पिछले साल करीब 1835 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था। लिहाजा हर माह 150 करोड़ रुपए औसत आय हुई थी। इस साल अप्रैल से अब तक की आय का जो ट्रेंड मिल रहा है, वह इसके आसपास या इससे ज्यादा ही रहा है। 17 अगस्त तक शहर में करीब 5700 करोड़ रुपए से ज्यादा की प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री हो चुकी है। इससे सरकार को करीब 680 करोड़ रुपए का राजस्व भी मिला है। डीआइजी बालकृष्ण मोरे का कहना है, प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री में बढ़ने का ट्रेंड मिल रहा है। आय व रजिस्ट्री की संख्या बढ़ना इसका प्रमाण है।
प्रॉपर्टी की खरीद बिक्री के इस ट्रेंड पर क्षेत्रवार नजर डाले तो यह सुपर कॉरिडोर से उज्जैन रोड, बायपास और राउ की ओर तेजी से बड़ रहा है। विजय नगर व कनाडिया पंजीयन कार्यालय में चार महीनों में क्रमश 133 व 142 करोड़ की आय हुई है। विजय नगर में सुपर कॉरिडोर, उज्जैन रोड से एबी रोड -बायपास एमआर-़10 व इंदौर-2 कनाडिया में बायपास राउ सर्कल तक आकार ले रही टाउनशिप व कॉलोनियां आती है। इंदौर-4 एरोड्रम क्षेत्र में भी सौदे तेजी से हो रहे हैं।
रीयल इस्टेट से जुड़े जानकार इसका कारण इंदौर के आसपास हो रहे औद्योगिक विकास को बताते हैं। इसके अलावा आईटी कंपनियों के वर्क फ्राम युवर सिटी कान्सेप्ट से भी घरों की मांग बड़ी है। आईटी प्रोफेशनल इंदौर को अपना घर बना रहे हैं। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले यह युवा शहर के सघन इलाकों से दूर आसपास के खुले क्षेत्रों में बस रही कॉलोनियों में अपना खुद का घर चाहते हैं। पति-पत्नि दोनों यदि जाब में है तो लोन का सहारा ले कर अपना सपना पूरा कर रहे हैं। तीसरा बड़ा कारण बड़े महानगरों की तुलना में इंदौर में अभी प्रापर्टी बहुत सस्ती है। प्लॉट के रूप में मिल रही है। अब कॉलोनाइजर व डेवलपर भी छोटे प्लॉट के ले आउट बना रहे हैं।
इन क्षेत्रों में सुविधाएं बड़े तो बात बनें जिन क्षेत्रों में प्राॅपर्टी के सौदे हो रहे हैं, वहां तक नगर निगम की पहुंच नहीं है। हांलाकि 70 फीसदी इलाका नगर निगम क्षेत्र का हिस्सा है। इन क्षेत्रों में कॉलोनाइजरों ने तो मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई है, लेकिन नगर निगम को इनकी प्रायमरी लाइनें डालने की व्यवस्था करना होगी। पानी वितरण के लिए टंकियों का निर्माण करना होगा। इन क्षेत्रों में आवाजाही के लिए सड़कों की कनेक्टिविटी देने की जरूरत है। जिससे लोक परिवहन व अन्य आवागमन के साधन लोगों को मिल सकें। अभी इन क्षेत्रों में विकास का खाखा नहीं खींचा गया है। अपना घर खरीदने के लिए पंसद बन रहे इन क्षेत्रों को निगम चाहे तो नए स्मार्ट इंदौर के तौर पर विकसित कर सकती है।
इस तरह बढ़ रही आय व रजिस्टी माह वर्ष-2021-22 वर्ष- 2022-23 आय रजिस्ट्री आय रजिस्ट्री अप्रैल 44.2 4472 110 11079 मई 29.8 1823 150 12488 जून 172 10871 162 12797
जुलाई 166 12235 173 12146 कुल 412 29401 595 48510 चार कार्यालयों की आय कार्यालय आय इंदौर – 1 मोतीतबेला 236 इंदौर-2 कनाडिया 142 इंदौर-3 विजय नगर 133
इंंदौर – 4 एरोड्रम 84