मुफ्त पास की खींचतान के बीच सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित बीसीसीआइ की सीओए ने 2 साल में इंदौर में खेले गए अंतरराष्ट्रीय मैचों में वितरित मुफ्त पास की जानकारी मांगी थी। सीओए के इमेल के बाद एमपीसीए से बीसीसीआइ का विवाद बढ़ गया। अन्य राज्य संगठन भी मुफ्त पास पर बीसीसीआइ का विरोध करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, एमपीसीए के पूर्व में भेजे इमेल के जवाब में बीसीसीआइ ने साउथ पैवेलियन के 10 में से 5 प्रतिशत पास देने को कहा था। बोर्ड ने यह भी निर्देशित किया था, स्टेडियम क्षमता के 10 फीसदी मुफ्त पास के अलावा ९० प्रतिशत सीटों के टिकट की बिक्री सिर्फ जनता में की जाए। किसी के लिए पास का कोटा न रखा जाए। पुलिस, प्रशासन, क्रिकेटर, पूर्व खिलाड़ी, एमपीसीए सदस्य, अंपायर, स्कोरर सहित किसी भी संभागीय इकाई के लिए पासेस का कोटा न रखा जाए। टिकट बिक्री की जानकारी वेबसाइट पर अपडेट करें। एमपीसीए सदस्यों के लिए भी नि:शुल्क पास का कोटा नहीं होना चाहिए। इधर, मैच कराने में असमर्थता जताने पर सदस्य संजीव गुप्ता ने इमेल कर कहा, मुफ्त पास के बजाय मैच जरूरी है।