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शिक्षा की गुणवत्ता तो दूर, मूलभूत जरूरतों को भी तरस रहे सीएम राइज स्कूल

सीएम राइज योजना को लेकर सरकारी सिस्टम की बड़ी लापरवाही सामने आई है। स्कूलों में न तो खेल मैदान है, न ही बाउंड्रीवाल। कई स्कूलों के लिए भूमि आवंटित ही नहीं हुई।

इंदौरAug 19, 2022 / 08:15 pm

रमेश वैद्य

शिक्षा की गुणवत्ता तो दूर, मूलभूत जरूरतों को भी तरस रहे सीएम राइज स्कूल
इंदौर. सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए लागू की गई महत्वकांक्षी सीएम राइज योजना को लेकर सरकारी सिस्टम की बड़ी लापरवाही सामने आई है। सीएम राइज में चयन होने के बाद भी संभाग के 28 स्कूल अब भी पुराने सिस्टम से ही संचालित हो रहे हैं। इन स्कूलों के लिए न तो नए भवन बने और न ही तय मापदंडों को पूरा किया जा रहा है। यहां तक कि न तो शिक्षक व स्टाफ की नियुक्ति हुई।
स्कूलों में न तो खेल मैदान है, न ही बाउंड्रीवाल। कई स्कूलों के लिए भूमि आवंटित ही नहीं हुई। शुद्ध पानी के लिए वाटर कूलर तक नहीं लगे हैं। बदला है तो सिर्फ स्कूल का पुराना बोर्ड। पुराने भवनों पर सीएम राइज लिखे बोर्ड लग गए हैं। कई जगह सुरक्षा गार्ड आ गए। ऐसे में सवाल उठता है कि सभी स्कूलों को 12 से 15 लाख रुपए सीएम राइज फंड के नाम से जारी हुए। इसके बावजूद स्थिति सीएम की महत्वकांक्षी योजना के उलट है।
8 करोड़ से ज्यादा विभाग से जारी हुए : स्कूल शिक्षण विभाग से सभी स्कूलों के लिए मार्च में 5-5 लाख, अगस्त में 12 से 16 लाख व मई 2022 में 3 करोड़ से अधिक की राशि जारी हुई। इस राशि का स्कूलों ने रंग रोगन, स्टेशनरी, फर्नीचर, खेल मैदान की मरम्मत, भवन की मरम्मत सहित अन्य कामों में उपयोग में ली गई। बावजूद स्कूलों में सीएम राइज के रूप में बदलाव नहीं हुए।
शा. मल्हाराश्रम उमावि के दोनों कैंपस की हालत खराब
यहां चद्दरों के जर्जर भवन में ङ्क्षहदी मीडियन की कक्षा 2 से 8 तक के करीब 69 बच्चे हैं। पेयजल व शौचालय की स्थिति खराब है। बाउंड्रीवाल, खेल मैदान भी ठीक नहीं हैं। मुख्य कैंपस का रंग रोगन किया गया। भवन अच्छी स्थिति में है। यहां अंग्रेजी मीडियन की केजी-1, केजी-2, पहली कक्षा व छठी कक्षा संचालित है, जिनमें 100 से अधिक बच्चे हैं। ङ्क्षहदी-अंग्रेजी दोनों मीडियम की कक्षा 9 से 12वीं में 450 से अधिक विद्यार्थी दर्ज हैं, जिन पर 30 शिक्षक है।
28 सीएम राइज स्कूलों की स्थिति
सभी 28 सीएम राइज स्कूलों में 21 हजार 192 विद्यार्थी दर्ज हैं।243 शिक्षक नवनियुक्त चयनित, 155 शिक्षक पूर्व से पदस्थ हैं। 209 सुरक्षाकर्मी पदस्थ हैं। 12 स्कूलों में ही वाटर कुलर लगे हैं। 14 स्कूलों को ही भूमि आवंटित हुई, 11 स्कूलों की जमीन विवाद में है। 20 स्कूलों की बाउंड्रीवाल नहीं है। 13 स्कूलों में खेल मैदान ही नहीं है। सीएम राइस में बच्चों को घर से स्कूल लाने-छोडऩे के लिए नि:शुल्क स्कूल बसों की सुविधा मिलनी है, लेकिन आठों जिलों की चयनित करीब 28 स्कूलों में बसों की व्यवस्था नहीं हुई। इसके लिए शासन ने दो बार टेंडर निकाले पर किसी ने भी टेंडर नहीं डाले। ऐसे में बच्चे अपनी सुविधा से ही स्कूल आना-जाना कर रहे हैं।
शहर के स्कूलों की यह है स्थिति
शहर की सीएम राइज स्कूलों में शासकीय उमावि नंदानगर में शिक्षक, स्टाफ की कमी है। मौजूदा भवन जर्जर होने से तोड़ा जाएगा। यहां 400 से अधिक बच्चे हैं। जिन पर करीब 26 शिक्षक हैं। स्कूल सीएम राइज की गाइडलाइन के अनुसार संचालित नहीं हो रही।
शासकीय नवीन मालव कन्या स्कूल के 8 कक्ष अपूर्ण हैं। करीब 800 बच्चे दर्ज हैं। 22 शिक्षक नए पदस्थ हुए। स्कूल की जगह नगर निगम के अधिन है। बाउंड्रीवाल अधूरी बनी है। खेल मैदान भी नहीं है। ऐसे में बच्चों की पुराने सिस्टम के तहत ही पढ़ाई हो रही है।
शासकीय अहिल्या आश्रम कन्या क्रमांक 01 स्कूल में 1400 से अधिक बच्चे हैं। स्कूल का रंग रोगन हुआ है। करीब 33 शिक्षक हैं। चयनित नवीन शिक्षकों की कमी है। भूमि आवंटन की प्रक्रिया भी अटकी है।
शासकीय उमावि मूसाखेड़ी में 8 कमरे अधूरे पड़े हैं। खेल मैदान नहीं है। वाटर कूलर नहीं लगा है। बाउंड्रीवाल अधूरी बनी है। 33 शिक्षक पदस्थ हैं। अव्यवस्थाओं के बीच बच्चों की पढ़ाई हो रही है।
शासकीय महाराजा शिवाजीराव उमावि में की बिङ्क्षल्डग की हालत खराब है। रंग रोगन नहीं हुआ है। भवन जर्जर स्थिति में है। स्कूल के एक ही हिस्से में बाउंड्रीवाल बनी है। यहां 600 से अधिक बच्चे हैंं।

सीएम राइज स्कूलों के लिए भरपूर राशि अलाट की गई है, बावजूद कई स्कूलों में कमियां देखने को मिल रही हैं। टीम का गठन कर स्कूलों के निरीक्षण के निर्देश दिए हैं, ताकि सुधार हो सके। मुख्य रूप से मैन पावर बढ़ाने पर जोर है। साथ ही परिवहन सुविधा के लिए टेंडर निकाला जा रहा है।
– अनिल वर्मा, संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण विभाग

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